लखनऊः कोरोना की पहली लहर की तरह दूसरी लहर में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कैदियों को पेरोल देने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रदेश की जेलों से अब तक 1660 कैदियों को पेरोल दी जा चुकी है. जबकि 8463 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है. डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश की 71 कारागारों में कुल 106026 कैदी बंद हैं. ये पेरोल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार की गई है.
ओवरक्राउडिंग कम करने के उद्देश्य से रिहाई जारी रहेगी
डीजी जेल के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में कैदियों को बचाने के लिए जेलों में ओवर क्राउडिंग कम करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में 60 दिन के पैरोल व अंतरिम जमानत दी जा रही है. उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सिद्धदोष बंदियों और जनपद न्यायाधीश स्तर से विचाराधीन बन्दियों की रिहाई निरंतर हो रही है.
30 मई तक बंदियों के पेशी पर भी रोक
हाई पावर कमेटी ने यह फैसला जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या व कोरोना संक्रमण प्रकोप से निपटने के तहत लिया है. योजना के तहत 30 मई तक कैदियों को कोर्ट में पेश पर रोक लगा दी गई है. अब पेशी वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए ही की जायेगी.
इन बंदियों को मिल रहा लाभ
- जो कैदी पेरोल पर हैं, उनकी पैरोल अगले 60 दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी.
- जो शांतिपूर्ण पेरोल के बाद समर्पण कर चुके हैं, उन्हें फिर से 60 दिन की पैरोल दी जायेगी.
- जो सात साल से कम सजा के अपराधी या आरोपी हैं, उन्हें 60 दिन की विशेष पैरोल या अंतरिम जमानत दी जाएगी. बशर्ते जेल मे प्रतिकूल कार्रवाई न की गई हो.
- 2020-21 में या 5 साल के भीतर कभी पैरोल पर छूटे हों, उन्हे भी 60 दिन की पेन्डेमिक पेरोल दी जाएगी.
- जिनकी अर्जी सरकार के समक्ष लंबित है. एक हफ्ते में 60 दिन के पैरोल पर रिहाई का फैसला लिया जाएगा.