लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई. ऐसे में सरकार तीसरी लहर से निपटने के लिए हेल्थ सिस्टम को अपग्रेड करने में जुट गई है. साथ ही डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती भी कर रही है. वहीं, विभागीय अफसरों की कारस्तानी से पूरी योजना को पलीता लगा रहा है. स्टेट मेडिकल फैकल्टी (State Medical Faculty) की लापरवाह कार्यशैली से करीब 66 हजार नर्सिंग-पैरामेडिकल के विद्यार्थियों का पंजीकरण प्रमाण पत्र और मार्कशीट जारी नहीं हो सकी है. ऐसे में पढ़ाई करने के बावजूद वह सरकारी, संविदा तो दूर निजी अस्पतालों में भी नौकरी के काबिल नहीं हो सके हैं.
66 हजार नर्सिंग-पैरामेडिकल विद्यार्थी नहीं हो पाए नौकरी के काबिल, जानें क्यों...
यूपी में स्टेट मेडिकल फैकल्टी (State Medical Faculty) की लापरवाह कार्यशैली से करीब 66 हजार नर्सिंग-पैरामेडिकल के विद्यार्थियों का पंजीकरण प्रमाण पत्र और मार्कशीट जारी नहीं हो सकी है. ऐसे में पढ़ाई करने के बावजूद वह नौकरी के काबिल नहीं हो सके हैं.
स्टेट मेडिकल फैकल्टी
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क्या कहते हैं अफसर
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि नर्सिंग-पैरामेडिकल के छात्रों के पंजीकरण प्रमाण पत्र फंसे होने की जानकारी नहीं है. इसके बारे में स्टेट मेडिकल फैकल्टी के कार्यवाहक सचिव डॉ. एके सिंह से पूछा जाएगा. वहीं, जब कार्यवाहक सचिव डॉ. एके सिंह से संपर्क किया गया, तो उनका फोन नहीं उठा.
कोर्स | कॉलेज | सीट |
एमएससी नर्सिंग | 23 | 580 |
बीएससी नर्सिंग | 142 | 6073 |
जीएनएम | 307 | 14,094 |
एएनएम | 299 | 10,570 |
पैरामेडिकल | 600 | 35,000 |
Last Updated : Jun 5, 2021, 2:31 PM IST