लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) में 65वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इसके साथ ही तीन वर्ष बाद पहली बार मंच से सभी मेधावियों को मेडल प्रदान किया गया. कुलपित आलोक राय ने मेधावियों को 189 मेडल मंच से दिए.
बता दें 1995-96 में पहली बार सीतापुर रोड स्थित लविवि के द्वितीय परिसर में दीक्षांत समारोह हुआ था. उस समय एसपी सिंह कुलपति थे और हिन्दी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित ने संचालन किया था. दीक्षांत समारोह में पद्म विभूषण और प्रसिद्ध भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक कृष्णा स्वामी कस्तूरीरंगन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समारोह की अध्यक्षता की.
लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सबसे ज्यादा 10 पदक एमए (गृह विज्ञान) की छात्रा आकांक्षा वर्मा को मिले हैं. इसके साथ ही एमए (एमआईएच) की छात्रा अमृता श्रीवास्तव को नौ पदक, लॉ की छात्रा प्रियमवदा शुक्ला को आठ, एमएससी फिजिक्स की छात्रा निधि तिवारी को सात एवं एमएससी की प्रज्ञा यादव को छह पदक मिले हैं. इसके साथ ही एमए संस्कृत के चन्दन यादव, एमए हिन्दी की प्रिया सिंह, एमए की अन्विषा सागर पाण्डे, एमए हिस्ट्री की छात्रा रोली यादव, एमपीए की छात्रा यशी नेगी एवं एमएससी की दीपाली तिवारी को चार-चार पदक मिले हैं.
राजश्री लक्ष्मी- चांसलर गोल्ड मेडल 2022 (एलएलबी ऑनर्स)
अनुशासन से मिलती है कामयाबी :विश्वविद्यालय का सबसे प्रतिष्ठित, चांसलर गोल्ड मेडल एलएलबी (पंचवर्षीय) की पढ़ाई पूरी करने वाली राजश्री लक्ष्मी को मिलेगा. इनके पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं और मिर्जापुर में पोस्ट ऑफिस में अकाउंटेंट हैं. मूलतः वाराणसी की रहने वाली राजश्री का जन्म जम्मू कश्मीर में हुआ. माता हाउस वाइफ हैं, लेकिन खेती बाड़ी का पूरा कार्य खुद ही देखती हैं. पिता के सेना में होने से राजश्री की शुरुआती पढ़ाई वाराणसी, मिर्जापुर में हुई. अपने माता-पिता को आदर्श मानने वाली राजश्री ने बताया कि "मैं अभी एलएलएम कर रही हूं. भविष्य में टीचिंग या किसी मिनिस्ट्री में नौकरी करना चाहूंगी." उन्होंने कहा कि "मेरी इस सफलता के पीछे प्रो. आनंद विश्वकर्मा और डॉ. बीआर अंबेडकर गर्ल्स हॉस्टल की वार्डेन अर्चना सिंह का हाथ है. इन दोनों ने लगातार मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया."
ऋतिक कुमार सिंह- वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (एनसीसी) 2022
देश सेवा की एक मात्र लक्ष्य : लखनऊ विवि के बैचलर इन इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) के अंतिम वर्ष के छात्र ऋतिक कुमार सिंह को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (एनसीसी) 2022 के लिए चुना गया है. ये राजधानी के बिजनौर रोड स्थित रॉयल सिटी कॉलोनी के निवासी हैं. ऋतिक के पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं, इसलिए इनका भी एकमात्र लक्ष्य आर्मी अफसर बन देश सेवा करना है. एनसीसी में रहते हुए ब्लड डोनेशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पिथौरागढ़ में रॉक क्लेम्बिंग एंड ट्रेनिंग, लखनऊ गणतंत्र दिवस सहित अन्य कई कैम्प किए. ऋतिक ने बताया कि "मैंने एनसीसी से यह सीखा है कि कठिन परिस्थितियों में भी कैसे आगे बढ़ना है. जिससे मुझे जीवन जीने में आसानी होती है." उन्होंने कहा कि "इसी जनवरी माह में मेरी एनसीसी खत्म होने वाली है. जिसके बाद डिफेंस सर्विसेज की तैयारी करूंगा."
उग्रसेन वर्मा- चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस 2022
पीसीएसजे परीक्षा उत्तीर्ण करना लक्ष्य :लखनऊ विवि से एलएलबी ऑनर्स (पंचवर्षीय), एलएलएम, सर्टिफाइड कोर्स इन योग व पीएचडी कर चुके उग्रसेन वर्मा को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस 2022 दिया जाएगा. अम्बेडकरनगर जिले की तहसील अकबरपुर की लारपुर ग्राम सभा के निवासी उग्रसेन के पिता सरदार पटेल इंटर कॉलेज के शिक्षक रहे. इन्हें साल 2012 में राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला था. इसी कॉलेज से उग्रसेन ने अपनी इंटरमीडिएट किया. जिसके बाद लखनऊ विवि में दाखिला लिया. उग्रसेन वर्मा ने बताया कि "मेरा पूरा ध्यान इस वक्त 12 फरवरी को होने वाले पीसीएस-जे की परीक्षा पर है. मैं उसी में उत्तीर्ण होना चाहता हूं. साथ ही मैं इलाहाबाद विवि में होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की भी तैयारी कर रहा हूं."
सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली छात्राएं
1-आकांक्षा वर्मा (10 पदक, एमए गृह विज्ञान)
स्वामी रामतीर्थ मेमोरियर गोल्ड मेडल
बिशम्भर नाथ श्रीवास्तव गोल्ड मेडल
कुंवर बम बहादुर शाह गोल्ड मेडल
बिश्वेश्वर नाथ गोल्ड मेडल
चांसलर सिल्वर मेडल
चांसलर सिल्वर
गंगा देवी मेमारियल गोल्ड मेडल
विद्यावती मेमोरियल गोल्ड मेडल
डा. इंद्रजीत सिंह गोल्ड मेडल