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NMMU सेवा: ढाई साल में 62 लाख लोगों को घर पर मिला मुफ्त इलाज - people got free treatment at home

सरकार ने दो साल पहले नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट (एनएमएमयू) सेवा की शुरुआत की थी, इसी बीच कोरोना ने दस्तक दे दी. ऐसे में सेवा से जुड़ी वैन गांव-गांव पहुंची. लॉकडाउन में घर-घर मरीजों की जांच कर स्टाफ में उपचार मुहैया कराया गया.

NMMU सेवा
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Published : Oct 20, 2021, 9:16 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में एनएमएमयू सेवा पीपीपी मॉडल पर संचालित की गई. इसमें तैनात डॉक्टर, स्टाफ 53 जिलों में मरीजों को उपचार मुहैया करा रहे हैं. संस्था के मीडिया हेड आनंद दीक्षित ने मंगलवार को रिपोर्ट जारी की, उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 से लेकर अब तक 62 लाख 79 हजार 185 लोगों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया है.

वहीं, वैन में ही मौजूद लैब से 9,02, 867 लोगों के टेस्ट भी किए गए हैं. ऐसे में गांवों में लोगों को सामान्य बीमारी के लिए शहर की बेवजह की दौड़भाग से निजात मिली.

डेंगू-मलेरिया रोकने में उतारी गई टीम
कोरोना काल मे सभी 53 जिलों में सीएमओ के निर्देश पर एनएमएमयू टीमों को तैनात किया गया. यह टीमें रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, क्वारटींन सेंटरों के अलावा प्रभावित क्षेत्रों में रहीं. टीमों में शामिल हेल्थ वर्कर ने कोरोना जांच के लिए सैंपल जुटाए. इसके अलावा एंटीजन किट से कोरोना की जांच व स्क्रीनिंग की. इसमें कई एनएमएमयू कर्मी भी कोरोना की चपेट में आए.
कोरोनाकाल में बनी ढाल

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एनएमएमयू का संचालन कर रही केएचजी हेल्थ सर्विसेज के मीडिया हेड आनंद दीक्षित के मुताबिक पिछले दो माह से लखनऊ समेत कई जिलों में डेंगू, वायरल बुखार व डायरिया की समस्या हुई. इस पर नियंत्रण के लिए भी एनएमएमयू की तैनाती की गई है.

NMMU सेवा

टीमें संक्रमित इलाकों में पहुंच कर जांच व इलाज उपलब्ध करवा रही हैं. लखनऊ में फैजुल्लागंज व चिनहट इलाके के दर्जनों स्थानों पर सितम्बर माह से अब तक कुल 1210 लोगों की विभिन्न जांचे की गईं.

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