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राज्य ललित कला अकादमी का 60वां स्थापना दिवस समारोह

राज्य ललित कला अकादमी के 60वें स्थापना दिवस पर 3 दिवसीय कला रंग महोत्सव का आयोजन किया गया. 8 से 10 फरवरी तक चलने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर महापौर संयुक्ता भाटिया मौजूद रही.

प्रदर्शनी.
प्रदर्शनी.

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Published : Feb 9, 2021, 7:33 AM IST

लखनऊ: राज्य ललित कला अकादमी के 60वें स्थापना दिवस पर 8 से 10 फरवरी तक चलने वाले 3 दिवसीय कला रंग महोत्सव की शुरूआत 8 फरवरी से हुआ. संस्कार भारती के अखिल भारतीय सरंक्षक पदमश्री बाबा योगेंद्र और भारतेंदु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रविशंकर खरे, ललित कला अकादमी अध्यक्ष सीताराम कश्यप व उपाध्यक्ष गिरीशचन्द्र मिश्र ने ऐतिहासिक छतरमंजिल परिसर में हुए इस समारोह में स्वातंत्र्य वीर अर्चन चित्रकला शिविर व अन्य प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्य अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया थीं.

समारोह में 34वीं प्रदर्शनी के चयनित कलाकारों के साथ ही नवदुर्गा नौ छवियां प्रतियोगिता, भारत रत्न अटल जी के व्यक्तित्व पर आधारित प्रदर्शनी के पुरस्कार भी वितरित किये गये. इसके अतिरिक्त शाम को कठपुतली नाटिका, नृत्य नाटिका व लोक गायन प्रस्तुति भी हुई. इससे पूर्व 34वीं प्रदर्शनी का उद्घाटन लाल बारादरी भवन में हुआ. इस दौरान 26 पुरस्कार प्रदान बांटे गए.

उद्घाटन समारोह में अतिथियों से 34वीं कला प्रदर्शनी के पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मिर्जापुर के आशीष कुमार मौर्या लखनऊ की शिखा पाण्डेय, कानपुर की डाॅ.अभिलाषा चौधरी और दीक्षा जायसवाल, वाराणसी से साधना , बरेली से प्रिया मिश्रा , मऊ योगेन्द्र कुमार मौर्य शामिल रहे. इन कलाकारों को 20 हजार की राशि, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र इत्यादि देकर सम्मानित किया गया. अकादमी, द्वारा आयोजित 34वीं राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी के लिए 285 कलाकारों की 285 कलाकृतियों के छायाचित्र प्राप्त हुए. जिसमें से प्रथम चरण में 130 कलाकारों की कुल 130 कलाकृतियां और द्वितीय चरण में प्रदर्शनी हेतु मूल रूप से 117 कलाकारों की 117 कलाकृतियां, जिनमें 75 चित्र, 12 रेखांकन, 10 ग्राफिक्स, 14 मूर्तियां व छह पोस्टर प्रदर्शनी में सम्मिलित हैं.

स्वतंत्रता के बलिदानियों को याद करना अच्छा है
पद्मकांत शर्मा के संचालन में चले समारोह में बाबा योगेन्द्र ने अकादमी के 60 वर्षीय समारोह के लिए अकादमी के संग ही प्रदेश भर के कलाकारों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि हम चौरी-चौरा काण्ड का भी शताब्दी वर्ष मनाते हुए आजादी के मतवालों को याद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बलिदानियों के योगदान को हम कलाकृतियों के माध्यम से भी बताकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं. साथ ही सामाजिक जागरूकता और आध्यात्मिक चेतना जगा सकते हैं. महापौर ने कलाकारों के कार्य और आयोजन की सराहना की. इससे पहले अकादमी के सचिव डॉ. यशंवत सिंह राठौर ने अकादमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आयोजनों के क्रम में 4 फरवरी को चौरी-चौरा विद्रोह पर मूर्तिशिल्प और 5 को म्यूरल चित्रांकन शिविर आयोजित हो चुका है.

महिला सशक्तिकरण पर हुई थी प्रतियोगिता
इसके साथ ही पिछले वर्ष 22 अक्टूबर को आयोजित वर्तमान में महिला व बालिका सशक्तिकरण और विकास प्रतियोगिता हेतु प्राप्त 70 प्रविष्टियों में से समस्त कलाकृतियों का अवलोकन करने के पश्चात् 32 कलाकारों की कृतियों को प्रदर्शनी के लिए चयन किया गया था. इनमें पांच कलाकारों में लखनऊ से अंबिका जायसवाल, आगरा से भावना सक्सेना, लीना कुमारी, गोरखपुर से प्राची श्रीवास्तव और उधमसिंहनगर से रचना बागची को ढाई हजार रुपये की पुरस्कार राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.

बिक्री के लिए उपलब्ध हैं कृतियाँ
नवाबी काल में बनी छतर मंजिल परिसर में दोनों प्रतियोगिताओं की पुरस्कृत कृतियों के साथ ही अयोध्या, कानपुर, बरेली, सहारनपुर, आगरा, झांसी, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती और राजधानी लखनऊ की संस्थाओं द्वारा कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित की गई. 10 फरवरी तक चलने वाली इन प्रदर्शनियों में अनेक कृतियां बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं.

कठपुतली शो का आयोजन
शाम को यहां पुतुल नाटिका के संग ही लोक संगीत के मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. लाल बारादरी भवन की दीर्घा में प्रदर्शनी फरवरी के मध्य तक चलेगी. महोत्सव में बड़ी संख्या में कलाकार और कलाप्रेमी उपस्थित थे.

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