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Post Covid Syndrome: 60 फीसद मरीजों को सांस लेने में हो रही दिक्कत, ऐसे पाएं छुटकारा

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Published : Jul 13, 2021, 10:59 PM IST

बलरामपुर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. सुनील बताते है कि कोरोना से जंग जीत रहे, 60 प्रतिशत मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं. इन मरीजों को सांस लेने में समस्या के साथ मल्टीपल ज्वाइंट पेन (multiple joint pens जोड़ों का दर्द) झेलना पड़ रहा है.

पोस्ट कोविड सिंड्रोम एक नई मुसीबत
पोस्ट कोविड सिंड्रोम एक नई मुसीबत

लखनऊ: राजधानी के अस्पताल स्थित फीवर क्लीनिक (fever clinic) में पोस्ट कोविड मरीज (post covid patient) पहुंच रहे हैं, जिन्हें अब सांस लेने में दिक्कत हो रही है. फीवर क्लीनिक में मरीजों को देख रहे डॉ. राहुल बताते हैं कि पहले ऐसे मरीज नहीं आ रहे थे, लेकिन उनकी संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. दरअसल, जो भी एक बार कोविड से संक्रमित हो चुका है उसे सांस लेने में समस्या आ रही है. डॉक्टर के अनुसार, रोजाना ओपीडी में लगभग 150 से अधिक मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम ( post covid syndrome ) से पीड़ित आ रहे हैं. जिन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है, साथ ही शरीर के जोड़ों का दर्द भी परेशान कर रहा है.

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बलरामपुर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. सुनील बताते है कि कोरोना से जंग जीत रहे, 60 प्रतिशत मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं. इन मरीजों को सांस लेने में समस्या के साथ मल्टीपल ज्वाइंट पेन (multiple joint pens जोड़ों का दर्द) झेलना पड़ रहा है. यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके मरीजों को भले ही अधिक पीड़ा दे रही हो, लेकिन पॉजिटिव सोच, नियमित व्यायाम व हाई प्रोटीन डाइट इससे राहत दिला सकती है. दैनिक कार्य प्रणाली में जरा सा बदलाव कर मरीज पोस्ट कोविड की समस्या से स्वयं बच सकते हैं.

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उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित होने से मरीज का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि कोरोना के बाद शरीर को पूरी डाइट दी जाए. इसमें जरूरी है कि हर घंटे के अंतराल पर हाई प्रोटीन फूड दिया जाए. हमें दाल, चावल, किनवा (Quinoa), भीगे हुए ड्राइ फ्रूट्स, दिन में एक बार हल्दी वाला दूध, आंवला, उबले चने, पोहा, अंकुरित मूंग, मोठ चाट और घर का बना साधारण खाना खाएं. इसके साथ रोजाना 150 ग्राम घर का बना कच्चा पनीर और सलाद नियमित रूप से खाएं. ध्यान देने योग्य है कि हमें वसायुक्त भोजन नहीं करना है. मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए. इससे नए रेशे बनेंगे और मांसपेशियां मजबूत होगी.

इन अस्पताल की फीवर क्लीनिक में मरीजों की संख्या

  • केजीएमयू 100-140 मरीज
  • लोहिया 70 से अधिक मरीज
  • सिविल अस्पताल 50-120 मरीज
  • बलरामपुर अस्पताल 50 से अधिक
  • लोकबंधु अस्पताल 50 से अधिक

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