लखनऊ:प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तो कार्य कर ही रही है. इसे डिजिटल बनाने की कोशिश भी की जा रही है, ताकि मरीज को ऑनलाइन डॉक्टर से सलाह मिल सके. आमतौर पर अगर मरीज डॉक्टर के पास परामर्श के लिए जाते हैं, तो इसमें उनका पूरा पूरा दिन चला जाता है. इसी भागदौड़ से बचाने के लिए ई-संजीवनी टेली कंसल्टेंसी वरदान साबित हो रही है. प्रदेश के सभी जिलों ने बड़ी संख्या में लोग ई-संजीवनी के माध्यम से सलाह हासिल कर रहे हैं.
इसको देखते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak on e-Sanjeevani) ने ई-संजीवनी टेली कंसल्टेंसी सेवा को और रफ्तार देने का फैसला किया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों को योजना के प्रचार-प्रसार बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि मरीजों को आसानी से विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह मिल सके. मरीज को अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़े. जरूरत पड़ने पर वह विशेषज्ञ से ऑनलाइन परामर्श ले सकें. इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसको लेकर जागरूक रहें.
प्रदेश में अब तक 55 लाख से अधिक मरीजों को ई-संजीवनी टेली कंसल्टेंसी सेवा के माध्यम से इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा चुकी है. जरूरतमंद मरीजों को दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में 16,665 हब एवं स्पोक के रूप में पंजीकृत हैं. इसमें 12,229 स्पोक्स हैं, जबकि 4,327 हब कम स्पोक्स हैं. 29 हब हैं.