लखनऊ : यूपी के मेडिकल कॉलेजों को अगले महीने मार्च तक 503 चिकित्सा शिक्षक मिल जाएंगे. इसमें राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए 45 असिस्टेंट प्रोफेसर चुने गए हैं, जबकि स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 458 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है. प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. 45 मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई हो रही है, जबकि 14 निर्माणाधीन हैं. इनमें करीब 30 फीसदी संकाय सदस्यों (चिकित्सा शिक्षकों) की कमी है.
प्रदेश के अलग-अलग जिले में 503 चिकित्सा शिक्षक मिल जाने के बाद लखनऊ के बड़े अस्पताल पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया में इलाज कराने आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी. मौजूदा समय में प्रदेश के अन्य जिले से भी मरीज इलाज कराने के लिए राजधानी लखनऊ के इन अस्पतालों की ओर रुख करते हैं. इस स्थिति में जब प्रदेश के हर एक मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद होंगे तो मरीजों को उन्हीं के शहर में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. बता दें इन पदों को भरने के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीएमई) ने 332 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आयोग को अधियाचन भेजा है.
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि 'राजकीय मेडिकल कॉलेजों के खाली पदों को लगातार भरा जा रहा है. ज्यादातर पद मार्च तक भरे जाएंगे. इसी तरह चिकित्सा संस्थानों के भी खाली पदों को भी भरने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. विभाग में अलग-अलग संवर्ग के पदों पर निरंतर भर्ती की जा रही है. पदों को भरने के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीएमई) ने 332 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आयोग को अधियाचन भेजा है. इसमें आयोग ने 45 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन किया है. इन्हें बांदा, बदायूं, जालौन, कन्नौज, सहारनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर और अंबेडकरनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति दी गई है. सभी को जल्द से जल्द कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है, अन्य की भर्ती प्रक्रिया चल रही है.'
स्वशासी कॉलेजों में भर्ती शुरू :आठ स्वशासी राज्य चिकित्सा कॉलेजों के लिए 458 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है. इनकी तैनाती फतेहपुर, हरदोई, एटा, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर स्थित कॉलेजों में होगी. इन पदों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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