रेप का आरोपी कथित बाबा सच्चिदानंद की 50 हजार की इनामी शिष्या गिरफ्तार
दुष्कर्म के आरोपी कथित बाबा सच्चिदानंद को 4 साल बाद एसटीएफ (STF) ने 1 जुलाई को गिरफ्तार किया था. यौन शोषण के मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने रविवार को कथित बाबा सच्चिदानंद (Baba Satchidananda) की शिष्या को भी गिरफ्तार कर लिया है.
लखनऊ: बस्ती श्रीसंत कुटीर आश्रम (Basti Sreesanth Kutir Ashram) में युवतियों से यौन शोषण के मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने रविवार को बाबा सच्चिदानंद (Baba Satchidananda) उर्फ दयानंद की शिष्या कमला बाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया है. यूपी एसटीएफ (UP STF) ने 50 हजार की इनामी शिष्या कमला बाई (Kamla Bai) को काकोरी स्थित आगरा एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया है. कमला बाई (Kamla Bai) बाबा सच्चिदानंद (Baba Satchidananda) के दिल्ली में नरेला स्थित भोगमोड़ श्रीसंत कुटीर आश्रम न्यू ननोट आश्रम (Bhogmod Sreesanth Kutir Ashram New Nanoot Ashram) में छिपकर रह रही थी. कमला बाई मूलरूप से बस्ती कटरा की रहने वाली है. वह अपने मुकदमे की पैरवी के चलते लखनऊ व बस्ती जा रही थी. कमला पर बस्ती में दो और लालगंज में एक मुकदमा दर्ज है.
यूपी एसटीएफ (UP STF) अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर 2017 को सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में दो केस दर्ज किया गया था. बाबा ने अमरोहा की ब्रज घाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे गंगा किनारे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बना लिया था. झारखंड और बिहार में भी उसके आश्रम बताए जा रहे हैं. इसमें एक आश्रम की कुर्की हुई और रेप के आरोपी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद व उसकी शिष्या कमला बाई पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. बाबा सच्चिदानंद का एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को पांच अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था. इसी महीने 1 जुलाई को अमरोहा आश्रम से तीन साल से फरार चल रहे बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. बाबा की सह अभियुक्त कमला बाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव फरार चल रही थी, जिसे रविवार को गिरफ्तार किया गया है.
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गिरफ्तार कमला बाई ने पूछताछ में बताया कि वह श्रीसंत कुटीर आश्रम 12 / 22, न्यू ननोट आश्रम, भोगमोड, नरेला, दिल्ली में रह रही थी. बाहर ही बाहर रहते हुए खुद पर पंजीकृत मुकदमों में जमानत कराने के सिलसिले में वह लखनऊ व बस्ती में अपने वकीलों व पैरोकारों से मिलने जा रही थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह श्रीसंत कुटीर महिला संत आश्रम, सुहडी, थाना गोविन्दपुर, नवादा (बिहार), श्रीसंत कुटीर आश्रम अमहट घाट, पटवानगर थाना कोतवाली, जनपद बस्ती (जिसे कुर्क किया जा चुका है) एवं श्रीटीर आश्रम गढ़मुक्तेश्वर, थाना गढ़ जनपद अमरोहा में बदल-बदल कर फरारी काट रही थी.
गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया था, जब आश्रम से कुछ युवतियों को धक्के मारकर निकाल दिया गया था. इसके बाद युवतियों ने बस्ती पुलिस को तहरीर दी थी. तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा के निर्देश पर कथित बाबा के अलावा उसके तीन शिष्यों परमचेतानंद, विश्वासानंद, ज्ञान वैराग्यानंद तथा दो मुख्य सेविकाओं पर 2008 से ही लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म के मामले दर्ज किए जा रहे थे.
पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था. उनमें से कुछ लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था. उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देते थे. उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा व चेलों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन-सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था.
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