लखनऊ:48 साल पहले 8 मई 1974 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल (Historical Rail Strike of 8th May 1974) में हमारे लाखों साथियों ने संघर्ष किया था. उन्हीं के संघर्षों का नतीजा है कि आज महंगाई भत्ता, डीए, कैजुअल लेबर का नियमतीकरण, पदोन्नतियों के अवसर, वेतन-भत्ते जैसी उपलब्धियां हमें हासिल हैं. अब पुरानी पेंशन की बहाली के आंदोलन के लिए तैयार रहें. ये बातें ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (All India Railwaymen's Federation) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सोमवार को हुए कार्यक्रम के दौरान कहीं. उन्होंने चारबाग स्थित लोको कारखाना के गेट पर आयोजित 1974 की हड़ताल की 49 वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनसभा को संबोधित किया.
इस मौके पर ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है. इसके लिए आर-पार का संघर्ष करने की नौबत आ गई है. पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है और हमारे हक को कोई भी मार नहीं सकता है. हमें एकजुट होकर इसके लिए संघर्ष करना होगा. जब एकजुटता होगी, तो हम किसी भी बड़े लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेंगे.
48 साल पहले हुई रेल की हड़ताल को किया गया याद, पुरानी पेंशन पर एकजुट रहने की अपील - All India Railwaymens Federation
लखनऊ में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (All India Railwaymen's Federation) के प्रोग्राम में 48 साल पहले हुई रेल की हड़ताल (Historical Rail Strike of 8th May 1974) को याद किया गया.
बड़े-बड़े आंदोलनों से सरकारों को अब तक झुकाया जा चुका है. हम साथ होंगे, तो सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने को मजबूर होगी. इस प्रोग्राम में लखनऊ मंडल के मंडल मंत्री आरके पांडेय, कारखाना मंडल के मंडल मंत्री अनूप बाजपेई, जोनल सेक्रेटरी एसयू शाह, पूर्व कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ मंडल अध्यक्ष विभूति मिश्रा, लेखा मंडल के मंडल मंत्री उपेंद्र सिंह, पी के शुक्ला, ज्ञान सिंह यादव समेत लखनऊ मंडल, लोको वर्कशॉप, कैरेज वर्कशॉप, स्टोर शाखा, इलेक्ट्रिक शाखा, सिक लाइन शाखा, ब्रिज वर्कशाप के कर्मचारी व संगठन के सदस्य उपस्थित रहे.
धरे गए अवैध वेंडर:चारबाग रेलवे स्टेशन पर 04052 आनंद विहार-वाराणसी सिटी स्पेशल ट्रेन से चार अनाधिकृत वेंडरों को धर दबोचा गया. सोमवार को लखनऊ मंडल की वाणिज्य विभाग की कैटरिंग टीम की ओर से की गई औचक जांच के दौरान इन अनाधिकृत वेंडरों को खाने-पीने के पैकेज बेचते पकड़ा गया. इनके पास सामान की बिक्री का कोई भी वैध प्रमाण पत्र नहीं मिला. कैटरिंग की टीम ने कार्रवाई के लिए इन अनाधिकृत वेंडर्स को आरपीएफ के हवाले कर दिया.