लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को घरौनी योजना से जोड़ने की शुरूआत की गई, जिससे राजस्व से जुड़े आबादी के मुकदमों को निस्तारित करने में सफलता पाई जा सके. अब तक करीब 48 लाख लोगों को इस योजना के माध्यम से जोड़ा जा चुका है और सेटेलाइट सर्वे के माध्यम से उनकी जमीन को चिन्हित करने का काम और उसके बाद फिर घरौनी प्रमाण पत्र देने का काम तेजी से किया जा रहा है.
दरअसल, राजस्व से जुड़े विवादों के स्थायी समाधान और ग्रामीण परिवारों को उनके घर का कानूनी मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) शुरू की. जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 35 लाख परिवारों को ग्रामीण परिवार प्रमाण पत्र घरौनी वितरित की जा चुकी है, वहीं अब तक 89 हजार से अधिक गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया गया है. इस योजना के माध्यम से 2024 तक पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के गांव के लोगों को घरौनी प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को घरौनी के नाम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत (Pradhan Mantri Swamitva Yojana launched) की थी. यूपी में राजस्व विभाग इस योजना को अमलीजामा पहनाने में तेजी से जुटा है. योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में काफी आगे है. अब तक प्रदेश में 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है. इसके बाद 13 लाख नई घरौनी प्रमाण पत्र और तैयार किए जा चुके हैं. अब तक 89 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर घरौनी तैयार की जा रही है. सर्वे के बाद डिजिटली हस्ताक्षर वाली घरौनी का वितरण किया जाता है. राजस्व विभाग ने इसी साल के अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों के ढाई लाख परिवारों को घरौनी उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.