लखनऊ : उप्र देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां की धरती आपको निवेश के लिए पुकार रही है. मैं आज श्रोता हूं और अभिभूत हूं, ये महर्षि पतंजलि, महर्षि सुश्रुत, महर्षि अगस्त्य आदि की पावन धरती है. नये चिराग न जल पाये कोई हर्ज नहीं, जो चिराग हैं वो न बुझने पायें, आओ मिलकर नया उप्र बनायें, इसके विकास के सहभागी बने". यह बातें आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने कहीं. इनवेस्ट आयुष यूपी समिट सोमवार को आयुष विभाग द्वारा एक निजी होटल में आयोजित हुआ. इसका उद्देश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आयुष के क्षेत्र में भी निवेशकों को आकर्षित एवं आमंत्रित करना हैं. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दया शंकर मित्र दयालु भी शामिल रहे.
आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि 'देश के प्रधान मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में देश व उत्तर प्रदेश का निरन्तर विकास हो रहा है. इसी क्रम में उनके द्वारा अवगत कराया गया कि 2760 करोड़ रुपये के निवेश पर 454 निवेशकों ने एलओआई (LOI) पर हस्ताक्षर किया है.'
इसमें प्रमुख रूप से आयुष विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, सीमैप के निर्देशक प्रबोध त्रिवेदी, असिस्टेन्ट कमिश्नर ड्रग कन्ट्रोल दिनेश कुमार तिवारी, निदेशक आयुर्वेद प्रो. डॉ. पीसी सक्सेना, निदेशक होम्योपैथी प्रो. डॉ. अरविन्द कुमार वर्मा, निदेशक यूनानी प्रो. डॉ. अब्दुल हमीद, पदमश्री वैद्य बालेन्दु प्रकाश, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने प्रदेश, भर से पधारे लगभग 250 निवेशकों को सम्बोधित किया.
इस मौके पर आयुष विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि 'इस समय प्रदेश में 4000 आयुष अस्पताल हैं, 105 चिकित्सा महाविद्यालय हैं, गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय भी बन रहा है 40 हजार रजिस्टर्ड आयुर्वेदिक चिकित्सक, 41 हजार रजिस्टर्ड होम्योपैथिक चिकित्सक, 16 हजार रजिस्टर्ड यूनानी चिकित्सक, नौ हजार ट्रेंड फार्मासिस्ट, दो हजार ट्रेंड नर्स व 800 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स कार्य कर रही हैं.
पर्यटन व संस्कृति सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'पर्यटन विभाग आयुष को जोड़कर काम कर रहा है.' उन्होंने बताया कि 'पर्यटन स्थल के आस-पास 20 किमी. के दायरे में आयुष वेलनेस रिसार्ट खोलने के लिए अनेकों तरह की रियायतें निवेशकों को दी जा रही हैं.' उन्होंने बताया कि 'पर्यटन की निवेश पॉलिसी के तहत महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों व दिव्यांगों को अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है.' उन्होंने बताया कि 'विगत 07 वर्षों में आयुष क्षेत्र में 06 गुना निवेश बढ़ा है और आयुष विभाग निवेशकों को हर सम्भव मदद उपलब्ध करवाएगा.'
सीमैप के निदेशक प्रबोध कुमार त्रिवेद्वी ने बताया कि 'औषधीय पौधों की उच्च स्तरीय क्वालिटी के लिए सीमैप मदद कर रहा है, टेक्नोलॉजी प्रदान कर रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री का संदेश भी सुनाया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि 'उप्र नये भारत का ग्रोथ इंजन बनकर उभर रहा है, सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है, सिंगल विंडो सिस्टम द्वारा निवेशकों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, यह देश का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर है, रोड व रेल मार्गों की प्रचुरता है. उप्र भारत की जीडीपी का 08 प्रतिशत का योगदान करता है, यहां निवेश करने का पूरा वातावरण बना हुआ है. कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने सम्बोधित किया.
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