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टॉप 10 अपराधियों को सजा दिलाने में पीछे रह गए सूबे के 45 जिले, प्रमुख सचिव गृह ने जताई नाराजगी - अपराधी कार्रवाई प्रमुख सचिव गृह

यूपी के कई जिलों में टॉप टेन अपराधियों पर मजबूत पैरवी के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पा रही है. 45 जिलों की स्थिति काफी खराब है, इस पर प्रमुख सचिव गृह (Criminal Action Chief Secretary Home) खफा हैं.

लखनऊ न्यूज
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 10:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने राज्य के सभी डीएम, एसपी और पुलिस कमिश्नर को जिले के टॉप 10 अपराधियों के दोष सिद्ध कराने के लिए कहा है. प्रमुख सचिव ने कहा है कि शासन के आदेशों का कड़ाई से पालन हो और अदालतों में पुलिस कड़ी पैरवी करे. प्रमुख सचिव ने समीक्षा बैठक करने के दौरान 45 जिलों के अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई में कमी पाई.

सभी जिलों के एसपी और डीएम को जारी किया पत्र :प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने शुक्रवार को सभी जनपदों के जिलाधिकारियों, एसपी व पुलिस कमिश्नरों को पत्र जारी करते हुए कहा कि वे अपने-अपने जिलों के टॉप-10 अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराएं. इसके अलावा प्रमुख सचिव ने कार्रवाई से शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए. जिससे इसकी नियमित समीक्षा कर मुख्यमंत्री के समक्ष रिपोर्ट पेश की जा सके.

नोएडा में सबसे ज्यादा अपराधियाें को दिलाई गई सजा :दरअसल, अभियोजन निदेशालय द्वारा 25 मार्च 2022 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक सिद्धार्थनगर में 7, मेरठ में 6, कौशाम्बी में 6, उन्नाव में 4, रायबरेली में 4, अयोध्या में 4, प्रयागराज में 3, हापुड़ में 3, देवरिया में 4, लखनऊ में 3, बलरामपुर में 2, कन्नौज में 2, इटावा में 2, गौतमबुद्धनगर में 102, फतेहपुर में 2, मुरादाबाद में 2, ललितपुर में 2, जालौन में 2, अमेठी में 2 अपराधियों को सजा दिलाई गई. इसी तरह कुशीनगर, अम्बेडकरनगर, महाराजगंज, सीतापुर, बिजनौर, बदांयू, कुशीनगर, जौनपुर, बस्ती, एटा में 1-1 अपराधियों को सजा दिलाई गई.

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