लखनऊ: प्रदेश की राजधानी में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का 44वां स्थापना दिवस गुरुवार को ममनाया गया. कोविड-19 को देखते हुए स्थापना दिवस वर्चुअल तरीके से मनाया गया. इस अवसर पर व्याख्यान कवि गोष्ठी संस्कृत और पाली में आयोजित की गई.
डॉ. वाचस्पति मिश्र ने किया संबोधित
इस दौरान संस्थान के अध्यक्ष डॉ वाचस्पति मिश्र ने अध्यक्षीय भाषण दिया. उन्होंने अपने सम्बोधन में बताया कि यहां की गतिविधियों से प्रभावित होकर दूसरे राज्य भी अपने यहां संस्कृत अकादमी की स्थापना करना चाहते हैं. गुजरात राज्य में संस्कृत अकादमी स्थापित हो भी चुकी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिक्षा दो प्रकार की होती है औपचारिक और अनौपचारिक. औपचारिक शिक्षा तो विद्यालयों में दी जाती है लेकिन अनौपचारिक शिक्षा के जरिये सामान्य व्यक्ति भी अपनी रुचि से शिक्षा ग्रहण कर सकता है.
संस्कृत है सभी भाषाओं की जननी