लखनऊः देश में कोरोना फिर से बढ़ रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी महामारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. इस दौरान केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा ने लोगों को वायरस से बचाव की सलाह दी है. इसके लिए कोविड प्रोटोकॉल का हर किसी को पालन करना होगा. जुकाम, खांसी, बुखार, डायरिया, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों का ध्यान रखना होगा. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक कोरोना संक्रमित 17 फीसद लोगों में बुखार और 5.6 फीसद में सांस की परेशानी होती है.
44 फीसद मरीजों में नहीं होते कोरोना के लक्षण - लखनऊ में कोविड प्रोटोकॉल
यूपी के लखनऊ में केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा ने लोगों को वायरस से बचाव की सलाह दी है. इसके लिए कोविड प्रोटोकॉल का हर किसी को पालन करना होगा. आईसीएमआर की स्टडी के मुताबिक 44 फीसद मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं होते हैं.
केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा
44.4 फीसदी बिना लक्षण
स्टडी के मुताबिक सिम्प्टोमेटिक मरीजों में श्वसन संबंधी समस्याएं, गले में खराश और खांसी जैसे कोरोना के लक्षण देखे गए हैं. वहीं अध्ययन में शामिल 144 मरीजों में से 44 फीसद एसिम्प्टोमेटिक मरीज पाए गए हैं. इनमें बीमारी के लक्षण नहीं मिले हैं.
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लक्षण | फीसद |
बिना लक्षण | 44.4 |
लक्षण वाले | 55.6 |
बुखार | 17.4 |
नाक बंद | 17.4 |
गले में खराश | 21.5 |
कफ | 34.7 |
बलगम | 3.5 |
सांस लेने में परेशानी | 5.6 |
थकान | 1.4 |
मांसपेशियों में दर्द | 3.5 |
डायरिया | 2.8 |
मिचली या उल्टी | 2.1 |