लखनऊ:4 साल पहले चारबाग के होटल विराट इंटरनेशनल और एसएसजे में लगी आग के बाद 7 लोगों की मौत हो गई थी. यह दोनों होटल मकान का नक्शा पास कराकर बनवाए गए थे. जिसके लिए विभागीय जांच हुई और अब लगभग 5 साल तक तैनात रहे एलडीए के 43 अभियंताओं और दो अफसरों को इस हादसे का दोषी माना गया है. इन सभी के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण बुधवार को आरोप पत्र दाखिल करेगा. सभी अभियंताओं को आरोप पत्र भेजे जा रहे हैं. माना जा रहा है कि लंबे समय बाद मारे गए लोगों के परिवारी जनों को जल्द न्याय मिल सकेगा.
अवैध तरीके से बने चारबाग के होटल अग्निकांड के दोषियों की संख्या 30 से बढ़कर अब 45 हो गई है. प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक के बाद चारबाग जोन में साल 2012 से लेकर 2018 तक तैनात रहे सभी अभियंताओं को कार्रवाई की जद में लाने का फैसला हुआ है. एलडीए अब अधिष्ठान अनुभाग से इस दरम्यान तैनात इंजीनियरों की पहचान कर उन सभी को आरोप पत्र भेजेगा. आरोपी इंजिनियरों का जवाब मिलने के बाद एलडीए इन सभी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को भेजेगा. वहीं, अग्निकांड के लिए एलडीए के जिन 6 कर्मचारियों को दोषी माना गया है उनके खिलाफ अगले 2 दिनों के भीतर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.
चारबाग जोन के नाका इलाके में मई 2018 को होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में आग लगी थी. इसमें मासूम समेत 7 लोग जलकर मर गए थे. मामले की जांच एडीजी राजीव कृष्णा को सौंपी गई थी. करीब 1 साल तक उन्होंने यहां हुए अवैध निर्माण के जिम्मेदारों की पहचान कर जून 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसमें एलडीए के पूर्व संयुक्त सचिव राकेश कुमार और पीसीएस वीरेंद्र पांडेय समेत 30 इंजीनियरों को दोषी माना गया था. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की सिफारिश करते हुए एलडीए ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया. इसके बाद प्रमुख सचिव ने जांच के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति करते हुए जुलाई 2021 में दोबारा जांच कराने का फैसला किया. इस बार जांच आवास विकास परिषद से कराने का फैसला किया गया. आवास विकास ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दोषियों की पहचान और कार्रवाई तय करने के लिए सोमवार को एनेक्सी स्थित प्रमुख सचिव के कार्यालय में अहम बैठक हुई. इसमें एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी भी शामिल थे.