लखनऊःआबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का एजुकेशन सिस्टम हवा में झूल रहा है. यूपी बोर्ड से लेकर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाएं कराने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है. लेकिन इस विभाग के पास काम कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारी ही नहीं है. विभागीय आंकड़े यह स्थितियां बयां कर रहे हैं. निदेशालय से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों की बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं.
दरअसल, शिक्षा विभाग में कई वर्षों से पदोन्नति तक नहीं हुई है. हालत तो यह है कि विभाग के निदेशक के चार में से दो पद खाली पड़े हैं. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर को सेवानिवृत्त होने के बाद विस्तार देकर पद पर बनाए रखा गया है. वहीं, विनय पांडेय निदेशक माध्यमिक का पद संभाल रहे हैं. इसका खुलासा खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संगठन यूपी एजुकेशनल ऑफीसर्स एसोसिएशन ने किया है. एसोसिएशन का दावा है कि विभाग स्तर पर पदोन्नति और चयन की प्रक्रिया कई वर्षों से रुकी हुई है. नतीजन जून 2022 तक 40 प्रतिशत तक अधिकारियों के पद खाली हो जाएंगे.