लखनऊ: यूपी में कोरोना का ग्राफ घटने लगा है. दो माह बाद महामारी का खौफ कम होता दिख रहा है. कई जनपदों में मरीजों की संख्या इकाई में सिमट गई है. ऐसे में मरीजों की रिकवरी की दर 94.7 पहुंच गई है.
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, कोरोना नियंत्रण के लिए सरकार टेस्टिंग पर जोर दे रही है. मंगलवार को 2,98, 808 कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 24 घंटे में 3,957 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई. मरीजों की संख्या में यह गिरावट दो माह बाद आ रही है. वहीं वर्तमान में एक्टिव केस 69,828 रह गए हैं. 30 अप्रैल को कोरोना पीक में 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे. ऐसे में एक्टिव केस में करीब 76 फीसद कमी आयी है. कुल 15 लाख 88 हजार 720 लोग वायरस से ठीक हो चुके हैं. वर्तमान में दैनिक पॉजिटीविटी घटकर 1.4 फीसद रह गई है. यह 24 अप्रैल को 19.1 फीसद रही. आज कोरोना से 163 मरीजों की मौत हो गयी.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग ग्रुप की हुई बैठक
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग ग्रुप की बैठक की गई. इसमें नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना, रायबरेली एवं गोरखपुर में एम्स की स्थापना, राजधानी में श्री अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना,आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना, आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड व वेलनेस सेन्टर की प्रगति, उ.प्र.इंस्टीट्यूट ऑफ फारेंसिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना, आजमगढ़, अलीगढ़ एवं सहारनपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना तथा स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रगति की समीक्षा की गयी.
'अंर्तविभागीय प्रकरणों का समय से निस्तारण किया जाय'
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि अंर्तविभागीय प्रकरणों का समय से निस्तारण किया जाये. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जिलों में भेजा गया था.उनके द्वारा उपयोगी सुझाव दिये गये हैं, जिनका तत्परता से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये.
'मेडिकल उपकरण एवं आक्सीजन प्लांट की स्थापना'
उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेजों एवं चिकित्सालयों में बड़ी संख्या में मेडिकल उपकरण एवं आक्सीजन प्लान्ट्स की स्थापना की जा रही है, जिनके संचालन एवं रख-रखाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कराये जायें, जिससे कि वह निरन्तर क्रियाशील रहे. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरर्स जिनके द्वारा मेडिकल उपकरण स्थापित कराये जा रहे हैं. उनसे वार्ता कर लोकल स्टॉफ की ट्रेनिंग कराई जाए, ताकि यदि उपकरणों के संचालन में छोटी खराबियां आती हैं, तो तुरन्त ठीक की जा सकें और मरीजों को उनका पूरा लाभ अनवरत रूप से मिलता रहे.