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3826 परीक्षार्थियों ने छोड़ी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा

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Published : Jun 15, 2023, 10:19 PM IST

लखनऊ सहित प्रदेश के 75 जिलों में गुरुवार को बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन दो पालियो में किया गया. कुल 3286 परीक्षार्थियों ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा छोड़ दी.

Etv bharat
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लखनऊ: राजधानी सहित प्रदेश के 75 जिलों में गुरुवार को बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन दो पालियो में किया गया. इसमें लखनऊ मंडल के पांच जिलों में परीक्षा कराने की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय ने संभाली. विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी परीक्षा बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा समन्वयक की भूमिका में डटे रहे तो वहीं कुलपति प्रोफेसर आलोक भी केन्द्रों पर निगरानी बनाये रहे. लखनऊ में 35 केन्द्रों पर आयोजित हुई इस परीक्षा में कुल 17059 परीक्षार्थियों में 14744 शामिल हुए जबकि 2315 अनुपस्थित रहे.

वहीं, हरदोई जनपद में कुल केंद्र नौ केन्द्रों पर 4231 परीक्षार्थी शामिल होने थे, इमसें 3850 परीक्षार्थी शामिल हुए जबकि 381 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. वहीं सीतापुर में नौ केन्द्रों पर 3613 परीक्षार्थी शामिल होने थे. जिसमें 3260 शामिल हुए और 353 अनुपस्थित रहे. वहीं लखीमपुर में कुल केंद्र 10 केन्द्रों पर 4667 परीक्षार्थी शामिल होने थे इसमें 4317 शामिल हुए और 350 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. इसी तरह से रायबरेली में कुल 10 केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित हुई. यहां पर भी 4284 परीक्षार्थी शामिल होने थे लेकिन 3857 उपस्थित रहे और 427 अनुपस्थित रहे. इस तरह से कुल 3826 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है. बता दें कि परीक्षा की पहली पाली प्रात: 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक आयोजित हुई. Body:इस बार

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के दौरान इस बार अटेंडेंस बॉयोमीट्रिक और फेस रेकग्निशन के चलते साल्वर गैंग ने हाथ खड़े कर दिए. लखनऊ में मंडल में कोई भी नकलची नहीं पकड़ा गया. समन्वयक प्रोफेसर राकेश द्विवेदी ने बताया कि पांचों जनपद में परीक्षा के दौरान कोई समस्या नहीं हुई. समय से भी केन्द्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचे और समय से परीक्षार्थियों को केन्द्रों के भीतर प्रवेश भी दिया गया.

नई शिक्षा नीति से भी आए सवाल
परीक्षा की पहली और दूसरी पाली समाप्त कर केंद्र से बाहर निकले छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्न काफी सरल थे. कई परीक्षार्थियों ने 1 घंटे में ही प्रश्न पत्र को पूरी तरह से हल कर दिया. उन्होंने कहा की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भी कई प्रश्न आए थे. साथ ही सामान्य ज्ञान और हिंदी से भी कई प्रश्न पूछे गए थे.

जनरल स्टडी और भाषा के अधिक प्रश्न
पहली पाली में परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थियों ने बताया कि इस बार जनरल स्टडीज और भाषा सबसे अधिक सवाल थे. इनमें हिंदी या अंग्रेजी का चयन करना था. इस बार बजरंग पुनिया और विजय दहिया किस खेल से जुड़े हैं? 'चारु चंद्र की चंचल किरणें' इसमें कौन सा अलंकार है? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू किस राज्य की राज्यपाल थीं? ऐसे सवाल भी पूछे गए.

जीके के सवालों ने अभ्यर्थियों को किया परेशान
अभ्यर्थी ऋषि कुमार वर्मा ने बताया कि जीके और जीएस की काफी तैयारी की थी. उसका लाभ मिला, लेकिन जिसने अच्छे से पढ़ा नहीं होगा उसको जरूर दिक्कत हुई होगी. अंग्रेजी की भी काफी तैयारी की थी लेकिन फिर भी काफी सरल सवाल आये थे. अमृता वर्मा ने बताया कि तैयारी अच्छे से की थी लेकिन लेकिन जीके में कुछ प्रश्न ऐसे थे जो काफी कठिन थे साथ ही स्पोर्ट्स के कुछ सवालों ने भी अटका दिया. जिसने करेंट में मन लगाकर पढ़ाई नहीं की होगी उसको दिक्कत जरूर हुई होगी

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