लखनऊ :लोग मुर्गे को कम दिनों में अधिक बड़ा व मोटा दिखाने के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन (antibiotic injections) दे रहे हैं. यह जानवरों के साथ इंसानों के लिए भी खतरा बन गया है. यह बातें दिल्ली एम्स के रिटायर्ड डॉ. अशोक रतन ने केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 35वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान कहीं. कार्यक्रम का आयोजन ब्राउन हाल में हुआ.
इस दौरान डॉ. अशोक रतन ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का बेहिसाब इस्तेमाल हो रहा है. करीब 70 फीसदी जानवरों को उनके जल्द विकास और मोटा करने के लिए एंटीबायोटिक दी जा रही है. इन जानवरों से इंसानों में एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है. बीमारी की दशा में लोगों में एंटीबायोटिक दवाएं कारगर नहीं हो रही हैं.
केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग (Department of Microbiology at KGMU) की डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल बेहद सोच समझकर करना चाहिए, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाएं सीमित हैं. उन्होंने बताया कि करीब 30 फीसदी मरीज एंटीबायोटिक दवा खाने में डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज करते हैं. मसलन डॉक्टर ने पांच दिन एंटीबायोटिक दवा खाने को कहा तो वे 10 से 12 दिन तक खाते हैं. यह बड़ी समस्या बन गई है.