लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से प्रदेश के बकाएदार उपभोक्ताओं के लिए लागू की गई एकमुश्त समाधान योजना का उपभोक्ता भरपूर फायदा उठा रहे हैं. आठ नवंबर से लागू हुई इस योजना का अब तक प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा उपभोक्ता लाभ ले चुके हैं. इससे विभाग को 3500 करोड़ रुपए का तो उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर 1200 करोड़ रुपए का फायदा मिला है. विभाग जिन बकायदारों से बिल की वसूली नहीं कर पा रहा था ओटीएस योजना में ऐसे उपभोक्ता ब्याज माफ होने के चलते अपना बिल खुद जमा कर रहे हैं, जिससे घाटे में चल रहे पावर काॅरपोरेशन की कुछ भरपाई हो रही है.
तीसरा चरण 31 दिसम्बर तक :एक मुश्त समाधान योजना के तहत अब तक पूरे प्रदेश में 35 लाख उपभोक्ताओं ने छूट का लाभ लिया और इससे 3500 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई. साथ ही उपभोक्ताओं को भी 1200 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. बिजली चोरी के मामलों में इस दौरान 72 हजार लोगों के कानूनी और आपराधिक मामलों को भी हल किया गया. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि 'प्रदेश में चल रही ओटीएस उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही प्रभावी और लाभकारी योजना रही. अब यह योजना अपने अन्तिम दौर में चल रही है. इस योजना का तीसरा चरण 31 दिसम्बर तक है. 31 दिसम्बर को योजना समाप्त हो रही है. इसके बाद योजना की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी. अभी भी जिन लोगों के विद्युत बिलों के बकाये या विद्युत चोरी के मामले लम्बित हैं, वह जल्द से जल्द ओटीएस का लाभ लेकर अपनी विद्युत सम्बंधी समस्याओं का समाधान करा लें.'
सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट : उन्होंने कहा कि 'प्रदेश में ओटीएस को ‘जल्दी आएं, ज्यादा लाभ पाएं’ की कसौटी पर चलाई गई थी, साथ ही किश्तों में भी भुगतान करने की व्यवस्था दी गयी थी. 31 दिसंबर के बाद जिस किसी के भी विद्युत बिलों के बकाये और विद्युत चोरी सम्बंधी प्रकरण लम्बित रह जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि ओटीएस के तीसरे चरण में भी एक किलोवाट भार तक के छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को बकाये के सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट मिल रही है. इसी तरह विद्युत चोरी के प्रकरणों में भी 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है. योजना के तहत इस अवधि में एक किलोवाट से अधिक भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 70 प्रतिशत, तीन किलोवाट भार तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत, तीन किलोवाट से अधिक भार के वाणिज्यिक उपभोक्ताओ को 40 प्रतिशत के साथ निजी संस्थानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 30 प्रतिशत की छूट मिल रही है.'