लखनऊ: मच्छरों के डंक से यूपी बेहाल है. राज्य में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. कई जिलों में बीमारी भयावह हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में मरीजों की संख्या 315 हो गई है. वहीं लखनऊ में भी डेंगू के 32 केस पाए गए.
15 हजार 800 पहुंची मरीजों की संख्या
राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है.यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. सोमवार को 315 राज्य में मरीज मिले. इसमें लखनऊ के 32 मरीज हैं. अब कुल मरीजों की संख्या 15 हजार 800 पहुंच गई है. इसके अलावा 38 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.
अस्पतालों में 314 बेड रिजर्व, कई बुखार से पीड़ित भर्ती
बलरामपुर चिकित्सालय में कुल 128 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसमें 9 डेंगू पॉजिटिव व 7 बुखार के भर्ती हैं. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय में 70 बेड आरक्षित हैं. जिनमें 17 बुखार के मरीज भर्ती हैं. वहीं लोकबन्धु चिकित्सालय में 70 बेड के वार्ड में 40 बुखार के मरीज भर्ती हैं. बीआरडी चिकित्सालय में 20 बेड, टीबी चिकित्सालय में 14 बेड, रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय में 12 बेड आरक्षित हैं. जिले में कुल 314 बेड डेंगू के लिए आरक्षित किए गए हैं.
हल्के में न लें बुखार को, 90 फीसद में डेंगू स्ट्रेन-टू
केजीएमयू की आईसीएमआर की लैब प्रभारी डॉ. सुरुचि शुक्ला के मुताबिक किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकतें हैं. कोविड में जहां 90 फीसद में डेल्टा वायरस मिल रहा है. वहीं, डेंगू के 90 फीसद मरीज में स्ट्रेन-टू मिल रहा है.
डेंगू के प्रकार
टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में मरीज ठीक हो जाता है.
टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्सों में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण