उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Buildings in lucknow : खतरे के मुहाने पर राजधानी की 300 इमारतें, जानिए क्यों नहीं हो पा रही कार्रवाई

राजधानी में बीते दिनों होटल लेवाना, एक कोचिंग व कॉम्प्लेक्स (Buildings in lucknow) में आग लग गई थी. हादसे के बाद कई लोगों की जान भी चली गई थी. बावजूद इसके अभी भी लापरवाही जारी है. लखनऊ में अभी भी सैकड़ों इमारतें डेंजर जोन में हैं.

By

Published : Feb 3, 2023, 12:10 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 6:19 AM IST

ो

लखनऊ :राजधानी में 300 से अधिक ऐसी इमारतें है, जो डेंजर जोन में हैं. खतरा ऐसा कि यदि वहां आग लगी तो बड़ा हादसा हो सकता है. इस पर फायर विभाग ने करीब 180 बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भेजी थी, हालांकि राज्य में पुराने सभी अग्निशमन अधिनियम खत्म हो चुके हैं और नई नियमावली बनने तक इन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में ये बिल्डिंग मालिक बेहिचक फायर सेफ्टी की अनदेखी करने में जुटे हैं.

राजधानी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार बताते हैं कि 'लेवाना कांड के बाद नए सिरे से राजधानी की उन इमारतों का सर्वे किया गया, जहां फायर सेफ्टी की अनदेखी की जा रही थी, जिसके बाद पहले चरण में 73 इमारतों के मालिकों को 133 की नोटिस दी गई है, वहीं 101 बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भेजी गई, हालांकि पुराने सभी एक्ट के खत्म होने के चलते इन पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है. जैसे ही नई नियमावली तैयार होती है इन पर कार्रवाई की जाएगी.


ग्राफिक

सीएफओ मंगेश कुमार बताते हैं कि 'राजधानी में 300 से अधिक इमारतों को न सिर्फ फायर सेफ्टी के मानकों की अनदेखी की जा रही है, बल्कि उन्होंने अपनी इमारतों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए कांच या लोहे की ग्रिल से बंद कर रखा है. ऐसे में यदि आग लगी तो धुआं आसानी से निकल नहीं पाएगा. यही नहीं जब हमारे दमकल कर्मी मौके पर रेस्क्यू करने पहुंचेंगे तो उन्हें भी अंदर जाने में समस्या होगी, ऐसे में कभी भी बड़ी वारदात होने का अंदेशा बना रहता है.' दरअसल, बीते 6 महीनों में लेवाना होटल, ग्रेविटी कोचिंग, बेस्ट बिरयानी और फिर बादशाह नगर के एसएस कॉम्प्लेक्स में आग लगने के बाद राजधानी की उन इमारतों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है, जो फायर सेफ्टी के मानकों को ताक पर रखे हुए हैं. खासकर, होटल, कोचिंग सेंटर और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर प्रशासन अपनी जांच तेज कर रहा है.

होटल लेवाना

बता दें, बीते 13 दिसंबर को पुराने सभी फायर एक्ट को खत्म करते हुए सरकार ने अग्निशमन और आपात सेवा अधिनियम 2022 लागू किया था, हालांकि इस अधिनियम की नियमावली तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. जिसे बनने में अब भी वक्त लगेगा. ऐसे में इस फायर सेफ्टी की अनदेखी करने वाली इमारतों के खिलाफ फायर विभाग कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकती है. जिसका फायदा इन इमारतों के मालिक उठा रहे हैं.

क्या हैं मानक :कमर्शियल बिल्डिंग के लिए मानक तय किए गए हैं, इनमें सैट बैक (मोटरेबल), सैट बैक (भवन की ऊंचाई के हिसाब से वर्किंग स्पेस), फायर एग्जिट, पलायन मार्ग की स्पष्टता, पलायन मार्ग की डिस्टेंस, वैकल्पिक रास्ता और जीने की व्यवस्था, आकस्मिक स्थिति में लाइट की व्यवस्था और बेसमेंट में रैंप की व्यवस्था होनी आवश्यक है, वहीं बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए फायर एक्सटिंग्विशर, डाउन कमर सिस्टम, यार्ड हाइड्रेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, ऑटोमेटिक डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम, मैनुअली ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक फायर अलार्म सिस्टम, अंडरग्राउंड वाटर टैंक और ओवरहेड वाटर टैंक होने चाहिए.

यह भी पढ़ें : Video Viral : बिना कपड़ों के महिला रात में लोगों के घर की बजाती है घंटी, जानिए क्यों

Last Updated : Feb 3, 2023, 6:19 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details