लखनऊ :क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) स्वस्थ्य जीवन पर भारी पड़ रहा है. श्वशन नलिका से जुड़ी बीमारी नजरअंदाज करने पर जानलेवा बन जाती है. इस समस्या से निपटने के लिए विश्व भर में प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) दिवस मनाया जाता है. COPD दिवस का उद्देश्य फेफड़े से संबंधित रोगों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है. इस वर्ष विश्व COPD दिवस 17 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा.
COPD दिवस के मौके पर लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉक्टरों ने ईटीवी भारत की टीम से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि दुनिया भर में हर साल 30 लाख व्यक्तियों की मौत सीओपीडी(COPD) के कारण हो रही है.
सीओपीडी से होने वाली मौत का यहा आंकड़ा टीबी से होने वाली मौत के आंकड़े से साढ़े सात गुना ज्यादा है. डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, 60 फीसद मरीजों में सीओपीडी स्मोकिंग की वजह से होती है. वहीं 40 फीसद मरीजों में सीओपीडी के दूसरे कारण हैं. सीओपीडी होने का एयर पॉल्यूशन के साथ इंडोर पॉल्यूशन भी जिम्मेदार है. इंडोर पॉल्यूशन में बायोमास फ्यूल, मच्छर मारने की क्वॉयल, डस्ट आदि शामिल हैं.
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