साल 2020 में हेलमेट नहीं लगाने पर 3.35 लाख लोगों के कटे चालान - हेलमेट नहीं लगाने पर कटे चालान
दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य है, लेकिन काफी संख्या में लोग पुलिस से बचने के लिए हेलमेट लगाना पसंद करते हैं. जबकि इसके खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई भी करती है. राजधानी लखनऊ में साल 2020 में हेलमेट नहीं लगाने पर 3 लाख 35 हजार लोगों के चालान काटे गए. फिलहाल, लखनऊ में सड़क हादसों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है.
हेलमेट नहीं लगाने पर कटे चालान.
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Published : Feb 1, 2021, 5:58 AM IST
लखनऊः उत्तर प्रदेश में इन दिनों सड़क सुरक्षा माह चल रहा है. इस दौरान सड़क पर चलने वाले लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और यातायात नियमों की जानकारी भी दी जा रही है. वहीं इसके पहले नवंबर माह में यातायात माह का आयोजन हो चुका है. इसके बाद भी भारी संख्या में लोग सड़कों पर जब निकलते हैं तो यातायात नियमों का पालन न करते हुए खुद की जिंदगी को दांव पर लगा बैठते हैं.
साल 2020 में हेलमेट पर चालान.
हेलमेट नहीं लगाने पर कटे चालान दुपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के गाड़ी सड़कों पर तेजी से दौड़ाते हैं, वहीं चार पहिया वाहन चालक बिना सीट बेल्ट को ही गाड़ी चलाते हुए खुद की जिंदगी को खतरे में डालते हैं. साल 2020 में राजधानी लखनऊ में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले 3 लाख 35 हजार लोगों का चालान किया गया. सड़क हादसों में मरने वाले लोगों में 80 फीसदी वाहन चालकों की मौत सर में लगने वाली गंभीर चोट के कारण होती है, लेकिन लोग हेलमेट लगाना जरूरी नहीं समझते.
हेड इंजरी सड़क हादसों में मौत का बड़ा कारण राजधानी लखनऊ में सड़क हादसों में मरने वालों में हेड इंजरी सबसे बड़ा कारण है. बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने वाले लोग जब सड़क हादसों का शिकार होते हैं तो उनमें 80 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनकी मौत सर में गंभीर चोट लगने से हुई है. इसी वजह से बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले लोगों का यातायात पुलिस लगातार चालान कर रही है और लोगों को हेलमेट लगान के लिए जागरूक भी कर रही है.
हेलमेट के लिए सरकार का प्रयास प्रदेशभर में सरकार समय-समय पर जागरूकता फैलाने के लिए 'नो हेलमेट नो पैट्रोल' जैसे अभियान चलाती है. सरकार के इस अभियान को काफी सफलता भी मिली है, लेकिन अभी भी बिना हेलमेट लगाकर चलने वालों की संख्या शहर के अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है. पुलिस और यातायात विभाग लगातार जागरूकता फैलान के साथ कार्रवाई भी कर रही है.
राजधानी में हादसों से मौत की घटी संख्या राजधानी लखनऊ में पुलिस और यातायात विभाग के द्वारा यातायात नियमों को लेकर चलाए गए अभियान से हादसों की संख्या में बीते 3 सालों से गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका असर हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या पर भी पड़ा है.
वर्ष
दुर्घटना
घायल
मौत
2018
1638
1005
580
2019
1683
922
573
2020
966
571
346
हेलमेट के मानक दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य है. वहीं हेलमेट के लिए कुछ मानक भी हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-
हेलमेट 4151-ISI मार्क होना चाहिए
हेलमेट लगाने पर ठुड्डी से बक्कल के बीच में 1 इंच का गैप होना चाहिए.
हेलमेट के अंदर कुशन और थर्माकोल उच्च क्वालिटी का होना चाहिए.
बिना बक्कल बांधे दुपहिया वाहन नहीं चलाएं.
हेलमेट पूरे चेहरे को कवर करने वाला होना चाहिए और उसका शीशा भी साफ और पारदर्शी होना चाहिए. हाफ हेलमेट सुरक्षित नहीं है.
लखनऊ कमिश्नरेट के ज्वाइंट सीपी नवीन अरोड़ा ने बताया कि लगातार पुलिस और ट्रैफिक के द्वारा एमबी एक्ट में कार्रवाई की जा रही है. इन कार्रवाइयों के चलते सड़कों पर हो रहे दुर्घटनाओं में कमी आई है. वहीं हादसों में घायलों और मृतकों की संख्या भी लगातार कम हुई है.