लखनऊ :यूपी में डेंगू का प्रकोप थमता नहीं दिख रहा है. लोगों पर मच्छरों का हमला जारी है. पिछले 24 घंटे में 296 नए मरीज मिले. इनमें से लखनऊ में 16 मरीज रहे. राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप जारी है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस और डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हजारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 8396 हो गयी.
26 घरों में मिला लार्वा
नगर मलेरिया इकाई और जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा लाला लाजपत राय, राजीव गांधी वार्ड, बालागंज, फैजुल्लागंज-तृतीय, अलीगंज, चिनहट, दौलतगंज वार्ड के आस-पास के क्षेत्रों का भ्रमण किया गया. इस दौरान 2059 घरों का भी निरीक्षण किया गया. इसमें 26 घरों में डेंगू का लार्वा मिला, इन्हें नोटिस जारी किया गया है. वहीं 16 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है.
डेंगू के प्रकार
टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.
त्यौहार को लेकर अलर्ट
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि त्यौहार को लेकर अलर्ट रहना होगा. इसमें गैर राज्यों से भी लोग आ रहे हैं. ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है. लिहाजा, घर से बाहर निकलते वक्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.
केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ हुई थी शिकायत
केजीएमयू के शिक्षकों की नियुक्ति में दिव्यांगजन आरक्षण संबंधी नियमों की अनदेखी की गई. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की गई. साथ ही मामला न्यायालय भी पहुंच गया था. इसके बाद अब केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया है. विश्वविद्यालय में 10 जनवरी को 2020 को एनॉटमी, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ, पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, पैथालॉजी और फॉर्माकोलॉजी विभाग के विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. इन विभाग में भर्ती प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार हो चुके हैं. कार्य परिषद में इसके लिफाफे खोले जाने थे. मामला न्यायालय पहुंचने के बाद आनन-फानन में विवि प्रशासन ने कार्य परिषद सदस्यों से संपर्क साधा. सभी सदस्यों से सहमति मिलने के बाद केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया है.केजीएमयू कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का आदेश जारी किया है.
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