लखनऊ: यूपी में डेंगू फैल गया है. यहां मच्छरों से राहत नहीं मिल रही है. उधर सामान्य बुखार के मरीजों की भी अस्पतालों में भरमार है. शनिवार को 280 डेंगू के नए मरीज मिले। वहीं लखनऊ के फैजुल्लागंज में भी बीमारी नहीं थम रही है. यहां कई मरीज़ों की हालत गंभीर होने पर भर्ती कराया गया है.
13,060 पहुंची मरीजों की संख्या
राज्य में बुखार का प्रकोप नहीं थम रहा है. यहां मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव व गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 13,060 के करीब हो गयी है. वहीं लखनऊ में 32 डेंगू के मरीज मिले. इसके अलावा फैजुल्लागंज में 100 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं. 10 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है. 10 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.
जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया है. उन्होंने बताया कि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्लीडिंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.
हल्के में न लें बुखार को
किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.
डेंगू के प्रकार
टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण