लखनऊःतिब्बत को चीन से आजादी दिलाने के लिए दो नौजवानों ने फ्रीडम मार्च की शुरुआत की है. 2100 किलोमीटर की यात्रा पर निकले यह युवा वाराणसी, बोधगया, सिलीगुड़ी, गंगटोक होते हुए सिक्किम के नाथूला, चीन बॉर्डर पर अपनी यात्रा समाप्त करेंगे. हिमाचल प्रदेश के तेनजिन धोडुप और चंडीगढ़ के तेनजिन न्यामा सोमवार को लखनऊ पहुंचे और उन्होंने इस अभियान में लोगों से अपना सहयोग मांगा है. दोनों ने बताया कि इस यात्रा से वह लोगों को जागरूक कर रहे और अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई से सबको जोड़ रहे हैं.
तिब्बत की आजादी के लिए नौजवानों ने निकाली यात्रा2100 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले युवाओं का कहना है, कि जबरन देश पर कब्जा करने के बाद चीन वहां के लोगों का उत्पीड़न कर रहा है. इन युवाओं ने कहा कि चीन लगातार प्रकृति के विरुद्ध काम कर रहे हैं, जिससे पानी और जलवायु पर भीषण खतरा पैदा हो रहा है.
आंदोलन से लोगों को जोड़ने के लिए पदयात्रा पर निकले नौजवानयुवाओं का कहना है कि तिब्बत में मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि तिब्बत के तमाम इलाकों में भूमि को बंजर करने का काम किया जा रहा है. इसकी वजह से इलाकों में बारिश नहीं हो रही है. बारिश ना होने से फसलों का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि तिब्बत की आजादी के लिए इन लोगों ने 2100 किलोमीटर पैदल यात्रा की शुरुआत की है.
भारत-तिब्बत संवाद मंच ने आंदोलन में शामिल होने का दिया आश्वासनउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित बौद्ध शोध संस्थान में प्रेस वार्ता के दौरान भारत-तिब्बत संवाद मंच के पदाधिकारियों ने युवाओं द्वारा शुरू की गई इस मुहिम में उनका हर संभव सहयोग करने का उन्हें आश्वासन दिया है. पदाधिकारियों का कहना है कि चीन लगातार भारत के राज्यों में कब्जा करने की फिराक में लगा हुआ है. मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि वह युवाओं की हर संभव मदद करेंगे.