लखनऊ: यूपी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. हर रोज सैकड़ों लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. गुरुवार को प्रदेश में डेंगू के 210 नए मरीज मिले. वहीं लखनऊ के फैजुल्लागंज में बीमारी फैल गयी है. यहां कई लोग बीमार हैं. राज्य में बुखार का प्रकोप छाया हुआ है. ऐसे में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप बरकरार है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस और डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हज़ारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं.अस्पतालों की ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में मरीजों की भरमार है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 12,600 के करीब हो गयी है.
फैजुल्लागंज में 60 मरीज बीमार
नगर मलेरिया इकाई द्वारा खरगापुर, इन्दिरानगर, राजाजीपुरम, हुसैनाबाद, फैजुल्लागंज, त्रिवेणीनगर, केसरीखेडा वार्ड के क्षेत्रों का भ्रमण किया गया. इस दौरान 24 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई. वहीं एनके रोड, सिल्वर जुबली, टूडियागंज, रेडक्रास, ऐशबाग, अलीगंज, इन्दिरानगर, इटौजा आदि क्षेत्र में कुल 27 डेंगू रोगी पाये गये. वहीं फैजुल्लागंज की समाजसेवी ममता त्रिपाठी ने बताया कि 60 लोग डेंगू की चपेट में हैं. उन्होंने सीएमओ से क्षेत्र में हेल्थ टीम भेजने की मांग की है.
जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया है. उन्होंने बताया कि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्लीडिंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.
हल्के में न लें बुखार को
किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.
डेंगू के प्रकार
टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण