लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की आयु पूरी कर चुकी 206 बसें नीलाम होंगी. बसों की नीलामी को लेकर आक्शन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. परिवहन निगम मुख्यालय के तकनीकी शाखा के अधिकारियों के अनुसार आयु पूरी कर चुकीं निगम के 13 रीजनों की बसें नीलामी प्रक्रिया में शामिल हैं. नीलाम होने वाली सबसे अधिक बसें हरदोई रीजन की हैं. इसके अलावा कानपुर, मेरठ और अलीगढ़ रीजन की भी बसें अधिक संख्या में नीलाम होंगी.
बता दें कि बीते कुछ सालों से परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पाया है. वहीं, अनुबंध के रूप में संचालित होने वाली सुपर लग्जरी वॉल्वो और स्कैनिया बसें भी बंद चल रही हैं. ऐसे में नई बसें न खरीदे जाने और पुरानी बसों के नीलाम होने से परिवहन निगम बस बेड़े में बसों की संख्या कम हो रही है. इस ओर परिवहन निगम प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है. निगम की मौजूदा माली हालत भी काफी खराब है. आलम यह है कि कर्मियों को समय से वेतन मिल पाना संभव नहीं हो पा रहा है. इसके चलते परिवहन निगम कर्मी भविष्य को लेकर काफी सशंकित हैं. निजीकरण को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
नई बसें नहीं खरीद पाया रोडवेज
बीते कुछ सालों से परिवहन निगम के बस बेड़े में नई बसें नहीं जोड़ी जा सकी हैं. कुंभ शटल बस सेवा के बाद से निगम बस बेड़े में नई बसों को शामिल नहीं किया जा सका है, जबकि प्रति वर्ष 1000 नई बसों को शामिल किए जाने का नियम है. यह नियम इसलिए भी बनाया गया था कि बसें नीलाम होने के बाद भी बसों की संख्या कम न हो सके. बावजूद इसके बीते करीब दो सालों से इस नियम का पालन नहीं हो रहा है.
नए एमडी से सुधार की उम्मीदें
लंबे समय बाद उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक मिला है. बीते दिनों ही नवदीप रिणवा ने यूपीएसआरटीसी के नए एमडी का पदभार ग्रहण किया है. ऐसे में परिवहन निगम को नए एमडी से काफी उम्मीदें हैं. नए एमडी के सामने निगम की माली हालत में सुधार के साथ अन्य कई बड़ी चुनौतियां भी हैं. बता दें कि बीते साल भर से अधिक समय से परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का पदभार परिवहन आयुक्त धीरज साहू संभाल रहे थे.
अधर में लटका 1250 बसों का एजेंडा
परिवहन निगम के सूत्रों की मानें तो 1250 नई बसों की खरीद का एजेंडा पास होने के बाद भी अधर में लटका हुआ है. इसके लिए परिवहन निगम निदेशक मंडल की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव भी पास हो गया है. नई बसों के लिए 400 करोड़ की एफडी भी करा ली गई. बावजूद इसके नई बसों की चेसिस खरीदने का आदेश जारी नहीं किया जा सका.