लखनऊ: 1992 बैच के अभियंताओं की ऊर्जा मंत्री से गुहार, पदोन्नतियां कराने की मांग की - up power officers asociation
उत्तर प्रदेश पावर आफीसर्स एसोशिएसन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से भेंट की. प्रतिनिधिमण्डल ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से 1992 बैच के अभियंतओं की पदोन्नतियां रोकने के लिए उन्हें दी जा रही चार्जसीट, निंदाप्रविष्टि, प्रतिकूल प्रविष्टि पर ध्यान देने की बात कही है.
लखनऊ:प्रदेश में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं की समस्याओं पर पावर कारपोरेशन और बिजली कम्पनियों की उदसीनता पर पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने चिंता जताई है और ऊर्जा मंत्री से मिलकर समाधान की उम्मीद जताई है. प्रतिनिधिमण्डल ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मिलकर पावर कार्पोरेशन से 1992 बैच के दलित अभियंताओं के बैकलॉग की डीपीसी तत्काल कराने व अनावश्यक दलित अभियंतओं की पदोन्नतियां रोकने के लिए उन्हें दी जा रही चार्जसीट, निंदाप्रविष्टि, प्रतिकूल प्रविष्टि पर ध्यान देने की बात कही. उत्तर प्रदेश पावर आफीसर्स एसोशिएसन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री से भेंट की.
कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने तत्काल पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया कि अबिलम्ब बैकलॉग बैच की पदोन्नतियां कराई जाएं. इस बात की छानबीन कराई जाए कि दलित अभियंताओं को पदोन्नति से पहले किस आधार पर चार्जसीट दी गईं, यह सभी अभियंता सपा सरकार में रिवर्ट किए गए थे, मेरी सरकार में सभी अभियंताओं के साथ समान मापदंड अपनाया जाए. किसी भी अभियंता का अनावश्यक उत्पीड़न न हो, प्रबंधन यह सुनिक्षित कराए. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि सितबंर का पहला सप्ताह बीत गया लेकिन अभी तक बैकलॉक के 1992 बैच जिसकी पदोन्नतियां अधिशाषी अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर होनी हैं, जो नहीं हो रहीं जिससे दलित अभियंताओ में भारी रोष है. अभी 27 व 28 अगस्त को मुख्य अभियंता की डीपीसी की गई जिसमें दो दलित अभियंताओं का मुख्य अभियन्ता में चयन होना था, लेकिन चार्जसीट के चलते दोनों अभियंताओं का लिफाफा बंद कर दिया गया.
पदाधिकारियों ने बताया कि इसी तरह संतोष कुमार भारती को 2018 में चार्जसीट देकर आज तक उसका निस्तारण नहीं किया गया जिससे वह भी मुख्य अभियन्ता बनने से वंचित हैं.