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हंगामे के बीच लखनऊ नगर निगम में 19 अरब का बजट पास

लखनऊ नगर निगम सदन में रविवार को हंगामे के बीच 1930 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ. बजट पर बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई. बाद में महापौर संयुक्ता भाटिया की मौजूदगी में बजट पास कराया गया. इस दौरान विपक्ष के पार्षद हंगामा करते रहे.

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लखनऊ नगर निगम का बजट पास .

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Published : Sep 27, 2020, 10:49 PM IST

लखनऊ: नगर निगम का बजट सदन कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रविवार को हंगामे के साथ पास हुआ. सदन नगर निगम के त्रिलोकनाथ हॉल में महापौर संयुक्ता भाटिया की मौजूदगी में शुरू हुआ था. नगर निगम सदन की कार्यकारिणी समिति से पास 1930 करोड़ रुपये के बजट को हंगामे के बीच पास कर दिया गया. इस राशि में से शहर के विकास पर 16 अरब 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें सड़क निर्माण व मरम्मत कार्य पर 183 करोड़, नाला सफाई पर 8.50 करोड़, मार्ग प्रकाश पर 12.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें 274 करोड़ रुपये अंतिम अवशेष शामिल है. बजट में राजस्व लेखा, पूंजी लेखा और उच्चंत लेखा के लिए 1,656 करोड़ रुपये तथा प्रारम्भिक अवशेष में 2,733 करोड़ रुपये आय का प्रावधान किया है.

बजट की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई और हगामें के साथ खत्म हुई. जलकल के बजट के दौरान भी पक्ष और विपक्ष हंगामा करते नजर आए. सदन शुरू होने से पहले पार्षदों और अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया.


महापौर को स्मार्ट सिटी और अमृत योजना का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव
मेयर के भाषण में अमृत योजना और स्मार्ट सिटी का जिक्र हुआ तो विपक्ष ने सवाल खड़ा कर दिया. विपक्ष का कहना था कि जब इन दोनों योजनाओं में नगर निगम का अधिकार नहीं है तो इसका जिक्र करना उचित नहीं है. वहीं सपा पार्षद दल के नेता यावर हुसैन रेशू ने कहा कि मेयर को इसमें अध्यक्ष बनाना चाहिए. एक मांग पत्र शासन को भेजा जाना चाहिए. इस मांग पर पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के पार्षद सहमत थे. हालांकि मेयर का कहना था कि यह संभव नहीं है, लेकिन नगर आयुक्त ने शासन तक यह मांग पहुंचाने का आश्वासन दिया.


सदन से उठाकर फेंकने की बात पर भड़कीं कांग्रेस नेता
जलकल के बजट के दौरान कांग्रेस के अमित चौधरी और भाजपा के पार्षदों में बहस हो रही थी. इस दौरान भाजपा पार्षद दल के नेता रामकृष्ण यादव अमित के लिए असंसदीय भाषा बोल गए. उन्होंने कहा कि जैसे राज्यसभा में आठ सांसदों को उठाकर फेंका गया है, इनके साथ भी ऐसा किया जा सकता है. इस बात पर कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी भड़क उठीं. मामला सदन में तूल पकड़ लिया. सपा से शैलेन्द्र सिंह बल्लू, रेशू, मोहम्मद सलीम और राज कुमार सिंह राजा भी ममता के समर्थन में आ गए. हालांकि कुछ देर बाद भाजपा की महिला पार्षदों ने ममता चौधरी को शांत कराया.

फाइल लटकाकर होती है वसूली
भुगतान और काम में पारदर्शिता लाने का मामला भी सदन में गरमाया. भाजपा पार्षद संतोष राय ने कहा कि अधिकारी और बाबू महीनों फाइल अपने पास दबाए रहते हैं. कहा कि महीनों तक फाइन रखने के नाम पर वसूली होती है.


गंदे पानी को लेकर जोरदार बहस
सदन में गंदे पानी को लेकर भी बहस हुई. कई पार्षदों ने बताया कि शहर के कई इलाकों में गंदा पानी आता है. उसके अलावा सीवर लाइन में काफी ज्यादा दिक्कते हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि गंदे पानी और सीवर से काफी ज्यादा दिक्कत है. इस पर जीएम जलकल ने जल्द ही समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया. वहीं तय हुआ कि 12 अक्टूबर को होने वाले आम सदन में जल निगम के लोगों को भी बुलाया जाएगा.

सदन में यह भी रहा खास
सदन में आआर विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर चीफ इंजीनियर को हटाने की मांग उठी. मेयर ने नगर आयुक्त के विवेक पर मामले को छोड़ा. इसके अलावा शहर के सभी वॉर्डों से जुड़ी समस्याओं को सदन में उठाया गया. इन सभी मुद्दों को लेकर 12 अक्टूबर को सामान्य सदन की बैठक बुलाई गई है.

इन मदों में होगा खर्च (करोड़ में)

  • सड़क निर्माण 183
  • नाला सफाई 8.50
  • आकस्मिक व्यय व सफाई उपकरण 13
  • पेट्रोल डीजल 31
  • मार्ग प्रकाश 12.70
  • भवन निर्माण एवं मरम्मत 3
  • दायित्व सहित अन्य 350
  • अवस्थापना विकास निधि 50
  • कार्यदायी सफाईकर्मी 70
  • नए कूड़ा घर 2
  • शौलयों की मरम्मत 1
  • पार्क अनुरक्षण 25
  • पार्क मरम्मत 1
  • कल्याण मण्डप 1.50

    जलकल घाटे का बजट पास
    जलकल के वित्तीय वर्ष 2020-21 के साढ़े बारह करोड़ के घाटे के बजट 316 करोड़ को भी चर्चा के बाद पास कर दिया गया. आय मद में 329.11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था और व्यय पक्ष में 316.86 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

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