लखनऊ: गुरुवार को दिवाली की रात पटाखे फोड़ने के दौरान राजधानी लखनऊ के 173 लोग घायल हुए हैं. हालांकि यह संख्या पिछले सालों की तुलना में काफी कम है. दावा है कि आतिशबाजी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है. इस साल देखा गया है कि भारी संख्या में लोगों ने पटाखे फोड़ने से परहेज किया है. नतीजतन पिछले सालों की तुलना में हादसे भी कम हुए हैं. दिवाली और जमघट में करीब 73 घायल सरकारी अस्पताल में पहुंचे हैं, जिसमें ज्यादातर लोग पटाखों से जख्मी हुए हैं. गंभीर रूप से घायल पांच मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती किए गए हैं. वहीं प्राइवेट अस्पताल में सौ से ज्यादा लोग पहुंचे हैं.
बीते तीन-चार सालों से लोगों में आतिशबाजी को लेकर जागरूकता बढ़ी है. लोग पटाखे फोड़ने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि अभी भी आतिशबाजी करने वालों की संख्या काफी अधिक है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रतिबंध व जागरूकता के बाद भी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. वहीं कई अस्पतालों से मिले आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर घायलों के हाथ में चोट लगी है. ये लोग पटाखे जलाते समय जख्मी हुए हैं. 20 से अधिक लोगों की आंखों में भी चोट आने की खबर है जो इस आंकड़े में शामिल नहीं हैं. ये लोग अस्पताल नहीं पहुंचे और अपना इलाज घर पर ही किया.
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