लखनऊ: प्रदेश में रविवार को 24 घंटों में 2 लाख 57 हजार 694 कोरोना टेस्ट किये गए. जिसमें 17,185 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए. वहीं 8,802 लोग डिस्चार्ज होकर कोरोना मुक्त भी हुए. प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 22 करोड़ 89 लाख डोज लगाई जा चुकी है. यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है. 30 जिलों में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीके की पहली डोज मिल चुकी है, जबकि गौतमबुद्ध नगर सहित 05 जिलों की पूरी वयस्क आबादी टीके की पहली डोज की सुरक्षा प्राप्त कर चुकी है.
93.21 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज
प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 93.21 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 58.28 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. बीते दिन तक 15 से 18 आयु वर्ग के लगभग 37 किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 3 लाख 87 हजार पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है. टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए. जिनकी दूसरी डोज बकाया हो, उनसे संपर्क-संवाद बनाकर उन्हें टीकाकवर दिलाएं.
98.2 फीसद से 93 पर आई रिकवरी रेट
30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 95148 हो गयी. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 97.2 से 93 फीसद रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई.
एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टाप पर हो रही जांचें
बीते 17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 300 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं.
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प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 93.21 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 58.28 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. बीते दिन तक 15 से 18 आयु वर्ग के लगभग 37 किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 3 लाख 87 हजार पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है.
कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-9 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिशा-निर्देश दिया कि सावधानी और सतर्कता ही कोविड नियंत्रण का आधार है. संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं. मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन इत्यादि से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों (स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान आदि) में आगामी 23 जनवरी तक भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रखा जाए. केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई हो. सभी जनपदों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू प्रभावी है, इसे सख्ती से लागू किया जाए.
एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है. एक्टिव केस की कुल संख्या वर्तमान में 1 लाख 3 हजार 474 है. इनमें मात्र 1096 लोग ही अस्पताल में हैं. स्पष्ट है कि बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है. यह संक्रमण कम तीव्रता वाला है, अतः इसके लक्षण दिखने पर सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है. यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है. इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं.
निगरानी समितियां घर-घर पर दस्तक दें. संदिग्ध लोगों की पहचान करें, टेस्ट कराएं और मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को सक्रिय रखा जाए. होम आइसोलेशन के मरीजों हर दिन हाल-चाल पूछा जाए. उनके स्वास्थ्य की निगरानी होती रहे. जनपदीय आईसीसीसी में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
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