लखनऊःजयपुरिया प्रबंध संस्थान लखनऊ के 15वें आईआईसी सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार को हुई. इसमें, राजधानी समेत देश और दुनिया के कई आर्थिक विशेषज्ञ और उद्योगपति शामिल हुए. 'पुनरुत्थान एवं उभरता हुआ उत्तर प्रदेश' विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बेहतर उत्तर प्रदेश की तस्वीर प्रस्तुत की. इसे आगे बढ़ाने के लिए अपने सुझाव रखे. निदेशिका डॉ. कविता पाठक ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया. यह दो दिवसीय सम्मेलन है.
सबसे तेजी से बढ़ रहा उत्तर प्रदेश, ब्रांडिंग की है जरूरत
टेक्समारो रेल एंड इंजीनियर लिमिटेड के डीएमडी आशीष गुप्ता ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 1991 के भारत के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है. एक समय उत्तर प्रदेश की पहचान पिछड़ा प्रदेश के रूप में होती थी पर ज यह देश के सबसे तेजी से बढ़ने वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत को 5 खरब अमेरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो प्रदेश को एक खरब की अर्थव्यवस्था तक पहुंचना होगा. यह तभी संभव है जब युवाओं के कौशल विकास की ओर समुचित प्रयास किए जाएं. प्रदेश को अपनी ब्रान्डिंग पर भी काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो अपने नाम से ही समस्याओं का उत्तर है और यह विश्वास दिलाया कि सभी उद्योगपति प्रदेश को मजबूत करने में सरकार के साथ हैं.
विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति
संस्थान के चेयरमैन शरद जयपुरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश विभिन्न क्षेत्र जैसे शिक्षा, औद्योगिक विकास सूक्ष्म एवं लघु उद्योग आदि में निरन्तर प्रगति कर रहा है. प्रदेश का निर्यात बढ़ाने में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की अहम भूमिका है और प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद के मामले में आज महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है.
बेहतर शिक्षा
पीएण्डजी सिंगापुर के वरिष्ठ निदेशक सिद्धार्थ वाचस्पती ने युवाओं एवं उद्योगपतियों से छात्राओं की बेहतर शिक्षा में विशेषरूप से योगदान करने की अपील की. कहा कि इससे फायदा न केवल एक परिवार को बल्कि समाज को राज्य को और देश को मिलेगा.