लखनऊ : ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलाया जाएगा. इसकी कवायद तेज हो गई है. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) के निर्देश के बाद शासन ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से एक सप्ताह में तय सीएचसी की प्रोइफाइलिंग मांगी है, ताकि जल्द से जल्द केंद्रों को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जा सके.
प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड हैं. 24 घंटे इमरजेंसी का संचालन होता है. एक रुपये के पर्चे पर ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को सलाह उपलब्ध करा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह पर पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांच कराई जाती है. मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. मरीजों को और बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश की 15 सीएचसी को पीपीपी मॉडल पर देने की तैयारी है. शासन में विशेष सचिव डॉ. मन्नान अख्तर ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिखकर एक सप्ताह के भीतर तय सीएचसी की प्रोफाइलिंग उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. इसमें अस्पताल का ब्यौरा, उपलब्ध सुविधाएं आदि तय प्रोफार्मा में देने के निर्देश दिए गए हैं.