लखनऊ: प्रदेश सरकार गोवंश की रक्षा में कसर छोड़ने को तैयार नहीं है. गो हत्या पर सात साल से बढ़ाकर 10 साल की सजा का कानून बनाने के साथ ही खुलासा किया है कि पिछले छह महीने में पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में 1300 से ज्यादा मुकदमे लिखे गए हैं और 3867 लोगों को जेल भेजा गया है. ऐसी घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कड़े कानून का प्रावधान किया है. सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की है.
UP में गोवध अधिनियम के तहत छह महीनों में 1324 मुकदमे दर्ज, 3867 गिरफ्तार
योगी कैबिनेट की बैठक में गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति दे दी गई है. पिछले छह महीने में पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में 1300 से ज्यादा मुकदमे लिखे गए हैं और 3867 लोगों को जेल भेजा गया है.
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम को और मजबूत करते हुए उत्तर प्रदेश गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश 2020 के प्रारूप को स्वीकृति दे दी गई है. इसमें सजा के प्रावधान को सात साल से बढ़ाकर 10 साल किया गया है. अधिकतम पांच लाख रुपये के दंड का प्रावधान भी किया गया है. इस प्रारूप में गो संपदा को हानि पहुंचाने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है. इसके तहत प्रयुक्त वाहनों को जप्त किए जाने का भी प्रावधान है.
अपर मुख्य सचिव ने दी जानकारी
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि गोवध अधिनियम के तहत एक जनवरी 2020 से आठ जून 2020 तक 1324 मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं. 4326 अभियुक्तों में से 3867 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि 867 मामलों में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि 44 अभियुक्तों के खिलाफ एनएसए, 2197 पर गैंगस्टर एक्ट और 1823 पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई. इसके अलावा 421 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है.