लखनऊ:उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 129 ऐसे ब्लैक स्पॉट्स हैं, जहां पर परिवहन निगम की बसें हादसे का शिकार हो जाती हैं. हादसे में या तो यात्री चोटिल हो जाते हैं या फिर उनकी जान भी चली जाती है. सर्वे के बाद परिवहन निगम की जो 129 ब्लैक स्पॉट की सूची तैयार की है. अब तक इन स्पॉट्स पर हुए हादसों में तमाम लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं. इन ब्लैक स्पॉट्स को भरे जाने के लिए अब समीक्षा शुरू की जा रही है.
यूपी में 129 ऐसे ब्लैक स्पॉट जहां हादसे की शिकार होती हैं बसें, सर्वे के बाद किए गए चिह्नित
यूपी के कई जनपद में 129 ऐसी जगह है, जहां पर सबसे ज्यादा बस दुर्घटनाएं होती हैं. इन हादसे में कभी-कभी यात्रियों और राहगीरों की जान भी चली जाती है. हादसे रोकने के लिए इन ब्लैक स्पॉट्स की अब समीक्षा की जा रही है.
रोड इंजीनियरिंग की खामीःपरिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि इन 129 ब्लैक स्पॉट पर हो रहे हादसों की वजह रोड इंजीनियरिंग की खामी के रूप में सामने आई है. सड़क बनाते समय अवैध कट का ध्यान नहीं रखा गया. इसके चलते लोग अचानक वाहन मोड़ देते हैं और दुर्घटना हो जाती है. इन्हीं अवैध कट को और अचानक आने वाले मोड़ को ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है. ऐसे 129 ब्लैक स्पॉट्स की सूची तैयार की गई है. अब चालक परिचालकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे जब इस रूट से गुजरें और ब्लैक स्पॉट वाले स्थान के करीब आएं तो बस चलाते समय सावधानी बरतें, जिससे बस हादसा न होने पाए.
सभी रीजन को भेजी 900 पन्नों की रिपोर्ट: परिवहन निगम में ब्लैक स्पॉट्स का जो सर्वे कराया है , जिसमें 35 शहरों के 129 स्थान ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं. इनकी पूरी 900 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट सभी रीजन को भेजी गई है. अब इस रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी संबंधित स्थानों पर हादसों के कारण की जांच करेंगे. अधिकारी चालकों की गलतियों की भी समीक्षा करेंगे.
क्या कहती है परिवहन निगम की सर्वे रिपोर्ट: यूपीएसआरटीसी की तरफ से ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने को लेकर जो सर्वे कराया गया उसमें सामने आया है कि प्रदेश में बस हादसे में रोजाना किसी न किसी एक व्यक्ति की जान जाती है. इनमें से 70 फीसद दुर्घटना बाइक सवार की होती है, जो बिना किसी इंडिकेशन के बस के सामने आ जाते हैं. 10% दुर्घटनाओं में बस के चालक, परिचालक की मृत्यु होती है या फिर कोई यात्री हताहत होता है. रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे के बीच 90 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं. जबकि रात में दुर्घटनाओं का अनुपात महज 10 फीसद ही है. अधिकारी मानते हैं कि दिन में सड़क पर भीड़ ज्यादा होती है. वाहन अनियंत्रित होते हैं, जिससे हादसे हो जाते हैं. रात में सड़क पर काफी कम वाहन होते हैं, ऐसे में हादसों का अनुपात कम होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी: यूपीएसआरटीसी प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत कुमार सिंह ने बताया कि परिवहन निगम की तरफ से प्रदेशभर में हो रही बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट्स का सर्वे कराया गया है. इसकी रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट में सामने आया है कि 129 स्थान ऐसे हैं जहां पर ज्यादा बस दुर्घटबनाएं होती है. अब इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. चालक परिचालकों को जागरूक किया जाएगा, साथ ही ब्लैक स्पॉट्स सुधारने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.
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