लखनऊ: राजधानी में लगातार कोरोना से मौतों का सिलसिला बढ़ रहा है. स्वास्थ्य महानिदेशक ने शुक्रवार से प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्देश दिया है. ऐसे में लोगों को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. लखनऊ के अस्पतालों में पहुंच रहे गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज को न तो डॉक्टर मिल रहे हैं और न ही उनका इलाज हो रहा है, जिसके कारण इससे बड़ी संख्या में मरीज बेमौत मर रहे हैं. यही कारण है कि लगातार राजधानी के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और लोगों को घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा.
देर रात्रि तक घाटों पर आई 110 डेड बॉडी
लखनऊ में कोहराम, श्मशान घाट पर 110 शवों का अंतिम संस्कार
लखनऊ में कोरोना की स्थिति लगातार भयावह हो रही है. अस्पतालों में न तो मरीजों को बेड मिल पा रहा है और न ही एंबुलेंस. यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग लगातार सिस्टम की नाकामी की भेंट चढ़ रहे हैं. श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी-लंबी लाइने लग रही है.
शुक्रवार देर रात तक 110 शव बॉडी भैसा कुंड और गुलाला घाट पर लाए गए, जिनका देर रात तक अंतिम संस्कार किया गया. भैसा कुंड पर 68 और गुलाला घाट पर 42 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए आ रहे हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन की अव्यवस्थाओं के कारण यहां भी लोगों को लंबी लाइन लगाने के साथ-साथ लकड़ियों की भी व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को लखनऊ में 35 लोगों की ही कोरोना से मौत हुई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत में कितना अंतर है.
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