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लखनऊ: मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने चक्का जाम का किया एलान - लखनऊ समाचार

लखनऊ में एंबुलेंस कर्मचारियों ने जीवीके कंपनी के गेट पर प्रदर्शन किया. प्रदेशभर से आए हजारों कर्मचारी हजारों रुपए की डीडी जमा होने के बावजूद जॉइनिंग न मिलने से परेशान हैं.

108 ambulance employees on strike
हड़ताल का सीधा असर प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पड़ेगा.

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Published : Aug 11, 2020, 12:40 PM IST

लखनऊ: जिले में 108 एंबुलेंस और 104 के कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी न होने पर प्रदेश भर में चक्का जाम करने की घोषणा की है. कर्मचारियों की हड़ताल का सीधा असर प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पड़ेगा. करोना काल में जहां 108 एंबुलेंस कर्मचारी कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में उनकी वेतन की मांग न माने जाने पर हड़ताल पर चले जाने से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बाधित होने की संभावना है.

बातचीत से नहीं निकला हल
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके का ऑफिस लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र में स्थित है. सोमवार को कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लखनऊ ऑफिस पहुंचे. हजारों की संख्या में भीड़ जुटती देख बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस के उच्चाधिकारियों की मदद से जीवीके कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल और अधिकारियों से बात की गई, लेकिन डेढ़ घंटे चली इस वार्ता में कोई भी परिणाम नहीं निकल सका.

नहीं पूरी हुई मांगें

जीवीके कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे ने बताया कि हम लोग करोना के इस दौर में मरीजों के सबसे करीब रहकर उनकी सेवा कर रहे हैं. ऐसे में हम लोगों को छह महीने से वेतन नहीं दिया गया है. हम लोगों का बीमा भी नहीं कराया जा रहा है. वेतन भत्तों की अन्य मांगें, जो हमने रखी थी, वह भी अस्वीकार कर दिया गया.

प्रदेश में एंबुलेंस की सेवा ठप

हनुमान पांडे ने बताया कि नई जॉइनिंग के लिए हमारे साथियों से पैसा लेकर भी उनकी जॉइनिंग नहीं कराई गई है. इसके विरोध में पूरे प्रदेश में एंबुलेंस कर्मचारियों को चक्का जाम करने के लिए कहा गया है. जब तक हम लोगों की मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक पूरे प्रदेश में एंबुलेंस सेवा को ठप किया जाएगा. इसके बाद वहां मौजूद हजारों कर्मचारियों ने जीवीके मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.

सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन
प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. ज्यादातर कर्मचारियों ने मास्क का प्रयोग नहीं किया था. कर्मचारियों ने बताया कि सैलरी ना मिलने के कारण वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. जीवीके कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जीवीके कंपनी कर्मचारियों का शोषण करने पर उतारू हो गई है. व्यवस्था पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.

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