उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

लखनऊः गरीबों की मदद कर रहा 1070 राहत कंट्रोल रूम, कमिश्नर खुद कर रहे मॉनिटरिंग

By

Published : Apr 15, 2020, 4:24 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में 1070 हेल्पलाइन कंट्रोल रूम बनाया गया है. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय में बने इंटीग्रेड कंट्रोल रूम से प्रदेश के हर जिले में गरीब जरूरतमंदों की मदद की जा रही है. इस हेल्पलाइन पर फोन करने पर संबंधित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को सहायता पहुंचाने के लिए सूचित किया जाता है.

lucknow news
गरीबों की मदद कर रहा 1070 राहत कंट्रोल रूम.

लखनऊः कोरोना वायरस संकट के समय में डॉक्टर, पुलिसकर्मी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. इसके साथ ही संकट के इस काल में उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय में बने इंटीग्रेटेड 1070 राहत कंट्रोल रूम गरीब जरूरतमंदों की मदद कर रहा है. गरीबों की एक फोन कॉल पर उन्हें भोजन, राशन, दवाइयां और अन्य तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है. इस हाईटेक कंट्रोल रूम की मॉनिटरिंग खुद रिलीफ कमिश्नर संजय गोयल कर रहे हैं.

गरीबों की मदद कर रहा 1070 राहत कंट्रोल रूम.

आपदा से जुड़े सभी विभागों से है समन्वय
खास बात यह है कि 1070 हेल्पलाइन को सभी जिलों के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है और सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर राहत कार्य किया जा रहा है. संकट के समय में यह कंट्रोल रूम लोगों को मदद मुहैया कराने में काफी मददगार साबित हो रहा है. यहां काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि प्रतिदिन यहां पर एक हजार कॉल्स आती है और फिर उन्हें संबंधित जिलों को फॉरवर्ड करते हुए उनकी मदद सुनिश्चित कराई जाती है.

जानकारी के साथ ही पूरी की जा रहीं दैनिक जरूरतें
क्वॉरंटाइन केंद्र, आश्रय स्थल, कम्युनिटी किचन, दूध, राशन की आपूर्ति पर इस कंट्रोल रूम की नजर है. जहां जिसे जिस प्रकार की जरूरत होती है. वह इस कंट्रोल रूम के माध्यम से मदद प्राप्त कर रहा है. खास बात यह है कि यह कंट्रोल रूम में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के साथ नियमों की जानकारी, कहां हॉटस्पॉट है कि भी जानकारी दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें-लॉकडाउन: जानें क्या है लखनऊ की मलिन बस्तियों का हाल ?

50 सीटर है कंट्रोल रूम
इस कंट्रोल रूम को 50 सीटर का बनाया गया है. एक पाली में 15 लोग बैठकर काम करते हैं. इनकमिंग कॉल्स पर और जो इसके बाद उन कॉल को फॉलोअप की जाती है उस पर लोग बैठकर काम कर रहे हैं. राहत आयुक्त संजय गोयल के अनुसार प्रतिदिन करीब एक हजार कॉल आती हैं. फिर संबंधित लोगों को दिशा-निर्देश देते हुए इन सबकी मदद की जाती है. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द लोगों को मदद की जाए. उन्होंने बताया कि अब तक करीब दस हजार लोगों की फोन कॉल यहां पर आ चुकी हैं और उनका निस्तारण भी किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details