लखनऊ:आला हजरत की वफात गुरुवार को पहली बार लखनऊ दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान नगर तेलीबाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने इस बारे में अहम बातों का जिक्र किया.
लखनऊ: पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत, हिंदू-मुस्लिमों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम पहली बार आयोजित किया गया. इस अवसर पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने आला हजरत के बारे में कुछ अहम बातों का जिक्र किया.
101 वें उर्स-ए-आला हजरत दारुल उलूम
101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान तेली बाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि आला हजरत सरकार रूहानी इल्म के चश्मदीद थे. उन्होंने 68 साल की जिंदगी में 156 से ज्यादा विषयों में करीब 1000 किताबें लिखीं. आला हजरत दुनिया की करीब 120 भाषाएं जानते थे. इसी तरह उन्होंने भाईचारे का पैगाम दुनिया को दिया. इस दौरान उर्स में हिंदू-मुस्लिमों सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि ये कार्यक्रम पहली बार लखनऊ में मनाया जा रहा है.