लखनऊ:कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर अभी भी जारी है. बीमारी की वजह से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच मरीजों को लगने वाला इंजेक्शन रेमडेसिवीर की कालाबाजारी भी तेजी से हो रही है. इस बार आरोपी कालाबाजारी के बीच नकली दवाओं की सप्लाई भी करते हुए नजर आ रहे हैं. जिसकी जानकारी ने एसटीएफ ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन के साथ युवक को गिरफ्तार किया. अमीनाबाद और नाका पुलिस ने आरोपी युवक के नेटवर्क को खंगालते अन्य 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया. पुलिस को इन आरोपियों के पास से नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन भारी मात्रा में बरामद हुई.
गौरतलब है कि अभी हाल ही के दिनों में एक व्यापारी के परिवार में एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव आया था. उसकी हालत बिगड़ने पर व्यापारी ने एक बिचौलिए के माध्यम से दवा कारोबारी से रेमडेसिवीर इंजेक्शन 25 हजार में खरीदा था, लेकिन उस इंजेक्शन पर किसी कंपनी का नाम नहीं लिखा हुआ था. जब इंजेक्शन की जांच करवाई गई तो इंजेक्शन नकली पाया गया. जिसकी शिकायत पीड़ित ने एसटीएफ के बड़े अफसर को की. शिकायत पर एसटीएफ की टीम ने युवक को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की. फिलहाल अभी एसटीएफ इस मामले पर जांच कर रही है.
इस तरह अमीनाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ा था आरोपी
मॉल एवेन्यू निवासी युवक ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखकर उस पर दिए नंबर से संपर्क किया. जिसके बाद गुरुवार की रात उस नंबर पर संपर्क करने के बाद युवक को इंजेक्शन लेने के लिए अमीनाबाद के प्रकाश कुल्फी के पास बुलाया गया. जहां आरोपी युवक आमिर अब्बास ने 3 हजार में 6 रेमडेसिवीर इंजेक्शन देने की बात कही, लेकिन जब इंजेक्शन पर स्पेलिंग गलत देखी तो पीड़ित ने उस इंजेक्शन की फोटो अपने डॉक्टर सुलभ ग्रोवर को भेजी. डॉक्टर ने बताया इंजेक्शन में गड़बड़ी है. तभी पीड़ित ने आरोपी से 11 और इंजेक्शन की मांग की. इस बीच जब आरोपी गाड़ी से इंजेक्शन निकालने गया. तभी पीड़ित ने पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद किए.