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ललितपुर जिला कारागार में बंदी ने की आत्महत्या, पाली गैंगरेप कांड में था आरोपी - ललितपुर जिला कारागार

ललितपुर जिला कारागार में एक बंदी ने आत्महत्या कर ली. बंदी पाली रेप कांड में आरोपी था. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर पताड़ना का आरोप लगाया है.

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ललितपुर जिला कारागार में बंदी ने की आत्महत्या (प्रतिकात्मक)

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Published : Jan 6, 2023, 4:46 PM IST

मृतक की मां ने जेल प्रशासन पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

ललितपुरः जिला कारागार में बंद दुष्कर्म के एक आरोपी ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली. कैदी के आत्महत्या की खबर से पूरे जेल में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

ललितपुरजिला कारागार के अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह ने बताया कि राजभान (25) पाली रेप कांड में आरोपी था. वह बैरक नम्बर 2 में था, उसकी शुक्रवार यानी आज तारीक थी और सुबह ही उसने आत्महत्या कर ली. मामले की जांच की जा रही है कि उसने किन कारणों से आत्महत्या की है. वहीं कैदी के आत्महत्या की जानकारी होते ही उसके परिजन भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. हालांकि राजभान ने आत्महत्या की है या फिर किसी ने उसका मर्डर किया है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है.

जानिए पाली रेप कांड के बारे में
ललितपुर में अप्रैल 2022 में एक नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में थाना पाली में तैनात प्रभारी निरीक्षक समेत 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. पाली की एक महिला ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी. महिला ने शिकायत पत्र में बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को पाली के 4 लोग 22 अप्रैल 2022 को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गये, जहां उन्होंने उसको रेलवे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा.

महिला का आरोप था कि उसकी पुत्री के साथ चारों ने लगातार तीन दिनों तक बलात्कार किया. इसके बाद 26 अप्रैल को उन्होंने लड़की को थाना पाली में छोड़ दिया और फरार हो गये. इसके बाद पाली में तैनात दारोगा ने लड़की को उसकी रिश्तेदार मौसी के घर छोड़ दिया. मौसी ने नाबालिग को दुराचार करने वाले ही एक युवक की बहन जो कि ककड़ारी में रहती थी, उसके पास 2 दिन के लिए भेज दिया.

पीड़िता की मां ने शिकायत में कहा था कि 27 अप्रैल को सुबह पाली थाने में उसकी बेटी को फिर से बुलाया गया, जहां उसका बयान दर्ज किया गया. जैसे ही शाम हुई तो उसकी मौसी उसे थानाध्यक्ष के कमरे में ले गयी, वहां भी उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसके बाद उसे फिर उसकी मौसी को सौंप दिया गया. इस पूरी घटना क्रम की जानकारी की उन्हें नहीं थी.

इसके बाद 30 अप्रैल को नाबालिग को चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया. यहां बच्ची की काउंसलिंग की गयी तो उसने आपबीती बतायी. पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने मामला दर्ज करने के निर्देश दिया. एसपी के आदेश पर पुलिस ने आरोपी चन्दन, राजभान, हरीशंकर, महेन्द्र चौरसिया, प्रभारी निरीक्षक पाली तिलकधारी सरोज व गुलाबबाई अहिरवार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

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