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राष्ट्रीय आरपीएफ शहीद स्मारक वीर शहीदों का गौरवपूर्ण सम्मान : आरपीएफ महानिदेशक

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक ने जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी में राष्ट्रीय आरपीएफ शहीद स्मारक और राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन किया.

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Published : Jul 27, 2023, 8:02 AM IST

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रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक संजय चंदर ने बीते 24 जुलाई को जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, लखनऊ में राष्ट्रीय आरपीएफ शहीद स्मारक का समर्पण किया और राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन किया।

लखनऊ :यह स्मारक आरपीएफ अधिकारियों की अटल सेवा और समर्पण की निरंतर याददाश्त के रूप में कार्य करता रहेगा. उनके साहस और निःस्वार्थ सेवा भाव सभी रेलवे सुरक्षा बल के सदस्यों को सर्वोच्च सेवा और समर्पण के मानकों को पालन करने के लिए सदैव प्रेरित करेंगे. यह विचार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक संजय चंदर ने जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी में राष्ट्रीय आरपीएफ शहीद स्मारक और राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए. पुणे के केंद्रीय बख्तरबंद लड़ाकू वाहन डिपो से प्राप्त वॉर ट्रॉफी T-55 टैंक, जो अकादमी कैंपस में स्थापित किया गया है, का अनावरण भी महानिदेशक ने किया.

राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन





रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक संजय चंदर ने कहा कि 'राष्ट्रीय आरपीएफ शहीद स्मारक वीर शहीदों का गौरवपूर्ण सम्मान है, जिन्होंने अपने कर्तव्य के माध्यम से बलिदान दिया. इसका क्षेत्रफल 4800 वर्ग फीट है, स्मारक में एक 13 फीट ऊंचा शहीद स्मारक संरचित किया गया है, जो 16 फीट ऊंची दीवार पर स्थित है. 1970 से आज तक के 1040 आरपीएफ शहीदों के नाम चार-10x4 फीट इस्पात की प्लेटों पर लिखे गए हैं, जो उनकी विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेज कर रखेंगे. महानिदेशक संजय चंदर ने बताया कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण में उन्होंने बल की सेवा में राष्ट्र के एकता 'और अखण्डता के साथ कटिबद्धता का संकल्प स्पष्ट किया. उन्होंने सभी अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने रेल एवं रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया.'

राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन
राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय का उद्घाटन

इस अवसर पर राष्ट्रीय रेलवे सुरक्षा संग्रहालय (एनएमआरएस) का उद्घाटन भी हुआ, जो रेलवे सुरक्षा बल की समृद्ध विरासत और धरोहर को समाहित किए हुए है. संग्रहालय का मोटो, "ज्ञानवर्धनाय च संरक्षणाय " (ज्ञान की समृद्धि और धरोहर का संरक्षण) रेलवे सुरक्षा बल के ज्ञान के लिए निरंतर प्रयास और इसके गरिमामय इतिहास के संरक्षण से संबंधित है. उन्होंने कहा कि एनएमआरएस शुरू से वर्तमान तक की रेलवे सुरक्षा बल की यात्रा को दर्शाता है, यह बल के अधिकारियों के महत्वपूर्ण योगदान और उपलब्धियों को प्रमुखता देते हुए, वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और बल के प्रत्येक सदस्य में गर्व और जवाबदेही की भावना को स्थापित करता है. इस संग्रहालय में एक दर्शक को रेलवे सुरक्षा बल के इतिहास, उत्पत्ति, उपलब्धियां, कर्तव्य और जिम्मेदारियों का पूरा दृष्टिकोण मिलता है.'

उन्होंने बताया कि संग्रहालय कुल 9000 वर्ग फीट पर फैला है, जिसमें 37 विषयगत प्रदर्शन पैनल, 11 प्रदर्शनी कैबिनेट, 320 वर्ग फीट के इनफोग्राफिक इतिहास, 87 वस्त्र, 500 पृष्ठों वाली भारतीय राष्ट्रीय अभिलेख, बीते हुए युद्ध काल के 36 शस्त्र, सुरक्षा से संबंधित 150 रेलवे सामग्री भारतीय रेलवे सुरक्षा बल के विभिन्न रैंकों के 15 मैन्युकिंस और कई अन्य महत्वपूर्ण कलाकृतियों का प्रदर्शन है. महानिदेशक ने आरपीएफ के विशेष बैंड को बल को समर्पित किया और बल के लिए नए स्पोर्ट्स ड्रेस का अनावरण किया.

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