ललितपुर:जिला मुख्यालय स्थित मान्यवर कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय में डॉक्टरों की भारी कमी है. जिले की 14 लाख आबादी के बीच इलाज के लिए मात्र एक जिला अस्पताल है जहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. वही वर्तमान में जिला चिकित्सालय में 30 डॉक्टरों की जगह कुल 17 डॉक्टर तैनात हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल नजर आ रही हैं.
जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल खास बातें-
- मान्यवर कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं.
- जिले की 14 लाख आबादी के बीच में मात्र एक जिला अस्पताल है. जहां रोज हजारों मरीज आते हैं.
- मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने 55 वर्ष से ऊपर के डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया है.
- वहीं चिकित्सालय में तैनात सीनियर डॉक्टर्स की इमरजेंसी ड्यूटी लगाने से डॉक्टर विरोध भी कर रहे हैं.
- वर्तमान में जिला चिकित्सालय में 30 डॉक्टरों की जगह मात्र 17 डॉक्टर ही तैनात हैं.
जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
जिला मुख्यालय के मान्यवर कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय में डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसके चलते वर्तमान में जिला चिकित्सालय में 30 डॉक्टरों के सापेक्ष कुल 17 डॉक्टर ही तैनात है, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. क्योंकि जिले की 14 लाख आबादी के बीच में उपचार के लिए एक मात्र जिला अस्पताल है जहां रोज हज़ारों मरीज इलाज के लिए आते है और इस समय जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर की भारी कमी हो गई है.
30 डॉक्टरों के सापेक्ष 17 डॉक्टर
सीनियर कंसल्टेंट फिजिसियन, डॉ. अमित चतुर्वेदी ने बताया किजिला अस्पताल में 30 डॉक्टरों के सापेक्ष 17 डॉक्टर है. उसमें भी 2 डॉक्टर छुट्टी गए हुए है जो इमरजेंसी करते थे. और इस समय इमरजेंसी करने वाले डॉक्टरों की काफी कमी है. हमारे कुछ चिकित्सकों की नशबंदी के ऑपरेशन करने के लिए ड्यूटी लगाई गई है. जिसके चलते इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर की कमी हो गई है. इसको ध्यान में रखते हुए 55 वर्ष से अधिक आयु वाले डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जा रही है, जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे हैं.
हमारे अस्पताल में कुछ खराब स्थितियां आ गई और EMO की मां को हार्ट अटैक आया है, जिसकी वजह से वह छुट्टी पर चले गए हैं. साथ ही दूसरे डॉक्टर्स को भी काम करने होते हैं. पोस्टमार्टम ड्यूटी, वीआईपी ड्यूटी और नशबंदी कैम्पों में जाकर ऑपरेशन करना होता है, जिसकी वजह से डॉक्टर कम पड़ने लगे है. इसी वजह से 55 साल से अधिक वाले छ: डॉक्टरों को ड्यूटी करनी है, जिसमें सबसे पहले मैं आज ड्यूटी कर रहा हूं.
-डॉ. संजय कुमार वासवानी, सीएमएस