ललितपुर:जनपद मेंजल संरक्षण की दिशा में किए गए दूरदर्शी कार्यों के लिए जिले के डीएम की ख्याति अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि डीएम ने जिले में मृत ओडी नदी को पुनर्जीवित कर दिया. साथ ही बेकार पड़ी खतरनाक खदानों को तालाब में परिवर्तित कर जीर्णोद्धार किया, जिसससे हजारों एकड़ भूमि को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा.
ओडी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए डीएम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित. यह परियोजना नजीर बनकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए नामित हुई है. इसके लिए 22 अक्टूबर को दिल्ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की कमेटी के समक्ष जिलाधिकारी को प्रस्तुतीकरण के लिए आमंत्रित किया गया है.
ओडी नदी को पुनर्जीवित करने का मिला फल
- विकासखंड मडावरा क्षेत्र में बहने वाली ओडी नदी को पुनर्जीवित और खाली खदानों को वाटर बॉडीज के रूप में परिवर्तित किया गया.
- जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में अभियान चलाकर इस बड़ी परियोजना को सफल बनाया गया.
- सुदूर वन क्षेत्र के पहाड़ों के बीच नदी के झिरें (छिद्र) बंद हो गए थे, जिस कारण से नदी का पानी सूख चुका था.
- जिलाधिकारी ने ओडी नदी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया और खुदाई कराई, जिससे नदी की विलुप्त धारा पुनर्जीवित हो उठी.
- जिलाधिकारी के निर्देशन पर बिरधा ब्लॉक स्थित आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बेकार पड़े 12 खदानों को तालाबों में परिवर्तित कर जीर्णोद्धार किया गया.
- डीएम के प्रयास से लगभग 1301 खेतों को सिंचाई का पानी मिला और साथ ही 480 परिवार इस परियोजना से लाभान्वित हुए.
- जिलाधिकारी को दोनों कार्यो के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किया गया है
मनरेगा कार्यों को जनपद में अच्छे ढंग से किया गया है.उसके पैसे का सदुपयोग किया गया है और जल संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य किए गए हैं. इसलिए सरकार ने हमको नामित किया है कि भारत सरकार के समक्ष प्रेजेंटेशन करें. 22 अक्टूबर को दिल्ली में भारत सरकार के समक्ष प्रेजेंटेशन करना है.
-मानवेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी