लखीमपुर खीरी : जिले में वर्ल्ड लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ. करीब 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन में अपना काव्य पाठ किया. कपिलेश फाउंडेशन ने लखीमपुर के गोला में वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने के लिए इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया. करीब 400 कवियों ने लगातार 102 घंटे तक में काव्य पाठ किया है. आयोजकों के मुताबिक अभी कवि सम्मेलन लगातार चल रहा है. लक्ष्य 121 घंटे का रखा गया है. अब इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का नाम गोल्डन बुक में दर्ज होगा. गोल्डन बुक के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार ने बताया कि बुधवार को आयोजकों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
2 अप्रैल को शुरू हुआ था इवेंट
दो अप्रैल को छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ के शहनाई गेस्ट हाउस में लांगेस्ट कवि सम्मेलन एवं मुशायरा शुरू हुआ था. सुबह 10 बजे शुरू हुए इस मैराथन कवि सम्मेलन में यूपी के अलग अलग जिलों और दिल्ली से करीब 400 कवियों को आमंत्रित किया गया था. कवियों-शायरों ने अपनी कविता, कलाम व गजल पेश की. कवि सम्मेलन के 50 घण्टे, 75 घण्टे, 100 घण्टे पूरे होने पर जश्न मनाया गया.
पुराना रिकॉड टूटा
आइजक मण्डल के प्रमुख यतीश चन्द्र शुक्ला ने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ रेकॉर्ड के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार की देखरेख में पूरा कार्यक्रम हुआ है. डॉ आलोक कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि पुराना रेकॉर्ड टूट गया. आयोजकों के मुताबिक 102 घंटे तक लगातार चलने वाले दादरी का रेकॉर्ड लखीमपुर खीरी के छोटी काशी के नाम से मशहूर गोला गोकर्णनाथ में टूट गया. इसके पहले पाकिस्तान में 80 घण्टे का रिकॉर्ड भी था. लगातार 102 घण्टों तक कव्यपाठ हुआ है. 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन, मुशायरे में पाठ किया.
नियमों का हुआ पालन