लखीमपुर खीरी:निघासन कोतवाली इलाके में 14 सितंबर 2022 को हुए दो सगी दलित बहनों के अपहरण, गैंगरेप और मर्डर के मामले में शुक्रवार को अदालत में फाइनल सुनवाई हुई. पॉक्सो अदालत में चल रहे इस केस में अभियोजन और बचाव पक्ष की तरफ से दलीलें पहले पूरी हो चुकी हैं. कोर्ट ने शुक्रवार को चार आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट दोषियों को 14 अगस्त को फैसला सुनाएगी.
लोक अभियोजक बृजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि कोर्ट ने मुख्य आरोपी जुनैद और सुनील पर हत्या, रेप समेत कई धाराओं में दोषी करार दिया है. इसके साथ करीमुद्दीन और आरिफ पर साक्ष्य मिटाने का दोष सिद्ध हुआ है. कोर्ट ने सभी दोषियों पर लगाई गई अपहरण की धारा हटा दी गई है.
निघासन कोतवाली इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2022 को दोपहर बाद करीब तीन बजे दो नाबालिग बहनों को कुछ लोग अगवा कर ले जाते हैं. इन दोनों बहनों के शव अजय सिंह के गन्ने के खेत की मेड़ पर लगे एक पेड़ के पास मिले थे. लड़कियों की मां ने पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर में गांव के एक युवक सुनील उर्फ छोटू सहित अज्ञात पर 323, 452, 376 और 302 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखवाया.
एडीजीसी बृजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि अदालत सजा पर सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगी. शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट राहुल सिंह ने निघासन में 14 सितम्बर 2022 में हुए दो सगी बहनों से रेप व हत्या मामले में चारों आरोपियों पर दोष सिद्ध किए. मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस और गवाहियां पहले ही हो चुकी हैं. अदालत में गहमागहमी के बीच मुख्य आरोपी जुनैद ,सुनील उर्फ छोटू, आरिफ और करीमुद्दीन को पुलिस कस्टडी में लाया गया. चारों आरोपियों को हत्या, गैंगरेप, साक्ष्य मिटाने की धाराओं में जुनैद और सुनील को दोषी करार दिया. आरिफ और करीमुद्दीन को अदालत ने साक्ष्य मिटाने की धारा 201 में दोषी करार दिया. एडीजीसी ने मीडिया को बताया कि अभी दो नाबालिग आरोपियों में से एक जुवेनाइल पर कोर्ट 14 अगस्त को दोष सिद्ध करेगी. वहीं एक आरोपी की बाल न्यायालय में सुनवाई होगी.
दो सगी बहनों की निर्मम हत्या से सियासी भूचाल उठा तो योगी सरकार ने आनन-फानन में एक एसआईटी गठित कर दी. एसआईटी ने घटना के अगले दिन ही हत्या व रेप के मामले में नामजद सुनील उर्फ छोटू सहित पांच लड़कों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें से मुख्य आरोपी जुनैद को पुलिस ने एक इनकाउंटर में गिरफ्तार किया. एसआईटी ने मामले की तफ्तीश शुरू की और जांच के बाद मामले में धारा बढ़ा दीं. इसके साथ ही एससी-एसटी एक्ट भी लगा दिया गया. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने 15 दिनों के अंदर अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.
पुलिस ने बनाए 43 गवाह