लखनऊ:बीजेपी नेता वरुण गांधी एक बार फिर अपने ही सरकार के खिलाफ हमला बोला है. सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए एक वीडियो शेयर किया. जिसमें उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी. इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरुरत है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी वरुण गांधी ने कई बार राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ बयान दिया है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद होने के बावजूद उनका रुख लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ रहा है. इसका परिणाम रहा है कि उनको और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. वरुण गांधी लगातार हमलावर हैं. वरुण गांधी के इस ट्वीट ने कहीं न कहीं स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी और वरुण गांधी के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
लखीमपुर खीरी की ये थी घटना
यूपी के लखीमपुर खीरी में किसान ने मंडी में अपना धान न बिकने से नाराज होकर पेट्रोल डालकर धान में आग लगा दी. आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. वीडियो मोहम्मदी बरखेड़ा के पूर्व प्रधान समोद सिंह और प्रमोद सिंह का है.
समोद सिंह बरखेड़ा गांव के पूर्व प्रधान हैं और अपने को बीजेपी के मोहम्मदी विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह का समर्थक बताते हैं. समोद सिंह का कहना है कि 12 अक्टूबर को वह अपने ढ़ाई सौ कुंतल धान लेकर मोहम्मदी मंडी गए थे. मोहम्मदी मंडी में तब से धान पड़ा था. 19 अक्टूबर को लगातार 3 दिनों तक हुई बारिश में धान भीगने लगा तो उन्होंने त्रिपाल डालकर किसी तरह धान को बचाया. इस दौरान थोड़ा बहुत धान भीग गया तो खरीद एजेंसी वालों ने खरीदने से इनकार कर दिया और सुखाने के लिए कहा. समोद सिंह ने बताया कि रात-दिन एक कर के उन्होंने 2 दिनों में धान सुखाया, इसके बावजूद एजेंसियां खरीद को तैयार नहीं थी. इस बीच धान खरीदने के लिए विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह से भी सिफारिश कराई लेकिन वह भी काम नहीं आया.
समोद सिंह ने बताया कि उन्होंने धान की सरकारी बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराया था. 12 तारीख को धान लेकर मंडी मोहम्मदी आए थे लेकिन उनके धान को नहीं खरीदा जा रहा था. जिससे वह हिम्मत हार गए थे, उनके पास जो सिर्फ 100 रुपये बचे थे. उसका वह पेट्रोल खरीद लाए और धान में आग लगा दी.
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